सरायकेला: सोशल मीडिया ने संसार के हर हिस्से में अपनी छाप छोड़ दी है। अगर आपसे कोई पूछे कि सोशल मीडिया पर आप क्या करते हैं, तो ज्यादातर लोगों का यही जवाब होगा कि वहां वे एक-दूसरे से संपर्क रखने अथवा ताजातरीन गतिविधियों के बारे में जानते होंगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सोशल मीडिया की एक पोस्ट किसी की परेशानियों का हल निकाल सकती है?
जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने, आजकल सरायकेला जिला के कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत दुलमी गांव के वार्ड सदस्य गौरांगो दत्ता ट्विटर का इस्तेमाल कर लोगों की परेशानियां सुलझाने का काम कर रहे हैं, और इससे हर दिन कोई न कोई लोगों को फायदा भी मिल रहा है। उदाहरण के तौर पर, एक मामला दुमका जिला के अंतर्गत आमरापाड़ा के निवासी रंजीत पाल के पुत्र का है। जो थैलेसीमिया बामारी से ग्रस्त था, तो इन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री चम्पई सोरेन,बसंत सोरेन और दुमका डीसी को टैग करते हुए ट्वीट किया। उसपर त्वरित संज्ञान में लेते हुए दुमका के डीसी ने बच्चे को फूलों झानो मेडिकल अस्पताल के डे केयर में भर्ती कराया। ठीक उसी तर्ज पर अफजल खान नामक व्यक्ति ने ट्वीट किया कि धनबाद जिला के दरी मोहल्ला पुराना बाजार निवासी कैंसर पीड़ित लड़के को केमो चढ़ाने को लेकर मदद मांगी। जिसे गौरांग दत्ता ने ट्वीट को कमेंट करते हुए निधि केडिया,पूर्व विधायक कुणाल सारंगी एवं जमशेदपुर के वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता से मदद मांगी, जिसका भी त्वरित समाधान हुआ और कैंसर पीड़ित को वेल्लोर में इलाज कराने के लिए फंड रिलीज किया गया।
इसी क्रम में बहरागोड़ा के कुलियांग गांव के निवासी मदन मोहन जाना को वृद्धा पेंशन नही मिल रही थी,जिस मामले को इन्होंने मंत्री चम्पई सोरेन को टैग करते हुए ट्वीट किया। जिसका भी त्वरित समाधान हुआ और मंत्री चम्पई सोरेन ने पूरी सिंहभूम के डीसी को पेंशन स्वीकृति करने का निर्देश दिया। वही सरायकेला जिला के कुकड़ू प्रखंड के ओड़िया पंचायत अंतर्गत दुलमी गांव के पार्वती महतो नामक एक महिला जो गंभीर बीमारी से ग्रसित थी, जिनका भी पेंशन का स्वीकृति इनके ही ट्वीट से हुआ। एक अन्य मामला पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटका प्रखंड के निवासी का राशन कार्ड में डीलर परिवर्तन करना था, जिसका भी समाधान इन्ही के ट्वीट से हुआ। कोरोना काल में भी वार्ड सदस्य गौरांगो दत्ता ट्विटर की सहायता से दर्जनों लोगों को अस्पताल में बेड मिले, तो कई को रेमडेसिविर जैसी दवाइयां भी सरकारी अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करवाई। वही इन्होंने ट्विटर के माध्यम से कई परिवारों को अनाज, तो कई बुजर्गों को पेंशन स्वीकृत करवाने में बड़ी भूमिका निभायी।
वैसे गौरांगो दत्ता जैसे कई लोगो के एक ट्वीट पर मामलों का समाधान होने से जनता तो खुश है ही, साथ ही साथ, इससे सरकार की छवि भी बेहतर हो रही है। राज्य के हर कोने में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता अब किसी भी सहायता के लिए सीधे ट्विटर का सहारा ले रहे है।
इस बारे में जब हमने वार्ड सदस्य गौरांगो दत्ता से बात की तो उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल से कुछ भी काम असंभव नही है। बस लोगो के द्वारा इसका सही इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करके मन को संतुष्टि मिलती है। उन्होंने बताया कि हर दिन दर्जनों लोग राज्य के कोने-कोने से मुझे अपनी छोटी-बड़ी शिकायतें करते है, जिसे मैं ट्विटर के माध्यम से समाधान करने का प्रयास करता हूँ। वैसे गौरांगो दत्ता के ट्विटर पर करीब सोलह सौ लोग फ्लॉवर्स है और वे करीब पचीस सौ लोगो को फ्लो करते है। जिसमें मंत्री,अधिकारी से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता भी शामिल है।