रांची समाचार: उत्पाद सिपाही नियुक्ति दौड़ परीक्षा में जान गवाने वाले युवाओं को दी गई श्रद्धांजलि, जानें पूरी खबर
रांची, झारखंड: झारखंड में उत्पाद विभाग में सिपाही पद पर नियुक्ति के लिए आयोजित दौड़ परीक्षा के दौरान 12 युवाओं की दुखद मौत हो गई है। इस प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है, लेकिन इस परीक्षा के दौरान हुए हादसे ने राज्य में भारी शोक और आक्रोश पैदा कर दिया है।
सरकारी नौकरी की आस में जुटे इन युवाओं की मृत्यु ने समाज और राजनीति दोनों में हलचल मचा दी है। हेमंत सोरेन सरकार ने फिलहाल इस फिजिकल टेस्ट को रोक दिया है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि इस परीक्षा को आयोजित करने की हड़बड़ी में इन युवा अभ्यर्थियों की जान क्यों चली गई।
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि उमस भरी गर्मी में इस तरह की कठिन परीक्षा आयोजित करना पूरी तरह से अनुचित था। असम के मुख्यमंत्री ने भी इस पर पत्रकार वार्ता आयोजित कर नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की है। भाजपा ने मृतक युवाओं के परिजनों को एक-एक लाख रुपए की सम्मान राशि देने की घोषणा की है। ओरमांझी के एक गांव के रहने वाले अजय कुमार महतो के परिजनों को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 1,00,000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भा.ज.यू.मो.) ने मृतक युवाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका के समीप एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में महा महानगर भाजपा के नेता भी शामिल हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हड़बड़ी में उत्पाद विभाग में सिपाही पद पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई, जिसके परिणामस्वरूप कई अभ्यर्थियों की जान गई।
इस घटना ने पूरे राज्य में एक गंभीर बहस छेड़ दी है और यह सवाल खड़ा किया है कि क्या सरकारी नौकरियों की नियुक्ति प्रक्रिया इतनी जानलेवा हो सकती है?