Ramlala को देखकर करोड़ों लोगों की आंखें नम हो रही हैं या हर कोई खुशी से झूम रहा है। और इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, क्योंकि 500 साल के इंतजार का अंत हुआ है। 22 जनवरी 2024 को, आज, प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरे विधि विधान के साथ सम्पन्न हो रहा है। राम लला की मूर्ति को देखने के बाद से, ‘जय श्री राम’ ही हर किसी की जुबान पर है। इस महत्वपूर्ण घटना के माध्यम से, धर्म, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का संकेत मिल रहा है।
भव्य समारोह में लोग न केवल अपने आदर्श देवता के साथ जुड़ रहे हैं, बल्कि इससे राष्ट्रीय एकता और समरसता की भावना भी प्रकट हो रही है। राम मंदिर की प्रण प्रतिष्ठा से सारे देश में आने वाले पर्व-त्योहारों की भी एक नई शुरुआत हो रही है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो समृद्धि, शांति और सद्भाव की दिशा में हम सभी को प्रेरित कर रहा है। राम लला की काली मूर्ति के पीछे छिपे संदेश हमें साहित्य, कला, और नृत्य के माध्यम से भी सिखा रहे हैं।
इस अद्वितीय क्षण में, लोग धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता की महत्वपूर्णता को समझते हैं और एक नए भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। यह मंदिर न केवल एक भगवान के आलय के रूप में है, बल्कि यह एक सशक्त, संयमित, और समृद्धि की ऊँचाइयों की प्रतीक है। इस ऐतिहासिक पल में, समृद्धि और समरसता की ओर हमारा समूचा राष्ट्र बढ़ रहा है।