पटना, 15 मई 2025: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार के दरभंगा में अंबेडकर हॉस्टल पहुंचकर दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के छात्रों से मुलाकात की और निजी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में उनके लिए आरक्षण की मांग उठाई। इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर सामाजिक न्याय की उपेक्षा का आरोप लगाया।
‘शिक्षा न्याय संवाद’ अभियान के तहत बिहार दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने छात्रों से बातचीत की, हालांकि उन्हें जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी गई थी। प्रशासन ने BNSS की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू करते हुए कार्यक्रम की मंजूरी नहीं दी थी। पुलिस द्वारा रोके जाने पर राहुल ने नारे लगाए—”रोक सको तो रोक लो”—और पैदल ही हॉस्टल पहुंचे।
राहुल ने कहा, “मैंने छात्रों से वादा किया है कि मैं आ रहा हूं, और कोई मुझे सामाजिक न्याय और शिक्षा के अधिकार की आवाज़ उठाने से नहीं रोक सकता।” उन्होंने पुलिस और प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा, “यह लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं।”
राहुल ने कहा कि दलितों, आदिवासियों और अत्यंत पिछड़े वर्गों को शिक्षा व्यवस्था में लगातार भेदभाव का सामना करना पड़ता है। “हम मांग करते हैं कि जातीय जनगणना हो और निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू किया जाए,” उन्होंने छात्रों से कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार की एनडीए सरकार उन्हें छात्रों से मिलने से रोक रही है। “आप डरते क्यों हैं, नीतीश जी? क्या आप शिक्षा और सामाजिक न्याय की असल स्थिति छिपाना चाहते हैं?” उन्होंने सवाल किया।
कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और बिहार सरकार इन योजनाओं को लागू नहीं कर रही है, लेकिन कांग्रेस दबाव बनाकर इन्हें लागू कराएगी।
इसके बाद राहुल गांधी पटना लौटे और ‘फुले’ फिल्म देखी, जो महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है। उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता सुधा वर्गीज, शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता अनिल राय, डॉ. ए.ए. हई और कुछ ट्रांसजेंडर्स से भी मुलाकात की।
वर्गीज ने मुसहर समुदाय के बीच किए गए कार्यों की जानकारी दी और उनके लिए विकास योजनाएं लागू करने की मांग की। ट्रांसजेंडर समुदाय ने आवास की समस्या को लेकर संसद में आवाज उठाने का अनुरोध किया।
दिन के अंत में, राहुल गांधी ने मीडिया को बताया कि “कार्यक्रम में बाधा डालने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन हमने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया।”
इधर, दरभंगा जिला प्रशासन ने राहुल गांधी सहित 19 नामजद और 25 अज्ञात कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप हैं कि उन्होंने बिना अनुमति सार्वजनिक सभा की, सरकारी कार्य में बाधा डाली और निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया।