कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ पहल की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक अच्छा विचार था, लेकिन विफल रहा। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2014 में जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी 15 फीसदी थी, जो अब घटकर 12 फीसदी रह गई है।
राहुल गांधी ने कहा कि किसी भी देश की आर्थिक प्रगति के लिए मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज का विकास आवश्यक होता है। उन्होंने अडानी और अंबानी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सर्विस सेक्टर को मजबूत किया, लेकिन प्रोडक्शन कमजोर हो गया है।
राहुल गांधी ने कहा कि वर्तमान में भारत में केवल असेंबलिंग हो रही है, जबकि प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि उत्पादन को बढ़ावा देने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
उन्होंने यूपीए और एनडीए दोनों सरकारों की विफलताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें भविष्य में युवाओं के लिए काम करना होगा। उन्होंने इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स, बैटरियों और इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने स्कूलों में बच्चों को बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक मोटर्स, रोबोटिक्स और ऑप्टिक्स जैसी नई तकनीकों की शिक्षा देने की सलाह दी।
राहुल गांधी का मानना है कि यदि भारत प्रोडक्शन सिस्टम को मजबूत करने में सफल होता है, तो देश रोजगार के नए साधनों के साथ आगे बढ़ सकेगा।