भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हाल ही में राजधानी रांची सहित राज्य के कुछ शहरों में कारोबारियों के यहां छापे पर सवाल उठाए हैं। बाबूलाल मरांडी ने पूछा है कि झारखंड में पुलिस अनवरत दर्जनों छापामारी कर कथित हवाला कारोबारियों के यहाँ रूपया ढ़ूंढ़ने का ड्राइव चला रही है।यह अलग बात है कि एक रूपये कहीं से भी बरामद होने की सूचना अबतक नहीं है। आखिर किस आधार पर पुलिस छापेमारी करती है ? अगर पुलिस गुप्त सूचना के आधार पर चापेमारी करती है तो आजतक एक धेला भी बरामद क्यों नहीं कर सकी ?
कहीं कारोबारियों को परेशान करने के लिए तो छापेमारी नहीं ?
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ये बात झारखंड का बच्चा-बच्चा जानता है कि हेमंत सरकार में कोयला, बालू, पत्थर आदि का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। सत्ताधारी दल के लोग वसूली में व्यस्त हैं। पुलिस थाने कारोबारियों से वसूली के अड्डे बने हुए हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि जिन व्यापारियों ने अवैध रुप से पैसे देने से मना किया हो, उनको परेसान करने के लिए छापेमारी की जा रही है ? उन्होने कहा कि खबरों में बताया गया है कि पुलिस ने वैसे ठिकानों से कुछ काग़ज़ात बरामद किये हैं जो अब आयकर विभाग को भेजा रहा है। यह बात मेरे समझ से परे है कि नोट ढूँढने में रांची पुलिस की इतनी दिलचस्पी का राज क्या है?
जेल से हो रही अवैध वसूली, पर पुलिस की नजर व्यापारियों के पैसों पर
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पुलिस को जेल से फिरौती रंगदारी वसूल रहे अपराधियों समेत लेवी वसूलने वालों का धंधा बंद कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखता है। क्या आजकल झारखंड में पुलिस की प्राथमिकता व्यापारियों का काला धन और उनका हवाला कारोबार का रूपया ढ़ूंढ़ना ही है? उन्होने कहा कि अगर झारखंड की पुलिस को यही करना था तो सटीक सूचना के आधार आयकर विभाग को साथ लेकर उनकी मौजूदगी में ही छापामारी करना चाहिये था। आशंका है कि बिना सिर पैर की ग़लत सूचना पर इस छापामारी से कारोबारियों में दहशत पैदा कर हफ़्ता वसूली का एक नया रास्ता बनाये जाने का प्रयास हो रहा है?
कारोबारियों से अवैध वसूली की खातिर डराने के लिए हो रही है छापेमारी
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि आशंका है कि इस छापामारी से कारोबारियों में दहशत पैदा कर, हफ़्ता वसूली का एक नया रास्ता बनाये जाने का प्रयास हो रहा है । उन्होने सवाल उठाया कि क्या झारखंड पुलिस वैसे लोगों को चिन्हित कर दंडित करेगी जिनके ग़लत सूचनाओं पर छापामारी हुई, दहशत पैदा हुई, पुलिस की प्रतिष्ठा और छवि धूमिल हुई लेकिन एक रूपया भी कहीं मिला नहीं?
आकाओं के इशारे पर व्यवसाइयों को प्रताड़ित करना बंद करे पुलिस
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड पुलिस अपने आकाओं को खुश करने के लिए व्यवसाइयों को परेशान करना बंद करे। उन्होने सीएम हेमंत सोरेन से कहा कि अगर आपकी पुलिस काला कारोबार रोकने के लिये इतना ही चिंतित है तो पहले बालू, पत्थर, कोयला, शराब, ज़मीन, अपराधियों और उग्रवादियों के लेवी वसूली, जैसे गोरखधंधे करने वालों पर तो लगाम लगाये और इनके काले धन को पकड़े।