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पीएम मोदी ने आयुष मंत्रालय के रोडमैप की समीक्षा की, वैश्विक स्वीकृति और सतत विकास पर दिया जोर

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयुष क्षेत्र के रोडमैप की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आयुष की वैश्विक स्वीकृति और इसके सतत विकास में योगदान की संभावनाओं पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष के समग्र स्वास्थ्य देखभाल, पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और देश के वेलनेस इकोसिस्टम में इसके योगदान पर जोर दिया। उन्होंने सरकार की नीति समर्थन, अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से आयुष क्षेत्र को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। पीएम मोदी ने योग, प्राकृतिक चिकित्सा और फार्मेसी क्षेत्र में मानकीकृत प्रोटोकॉल को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। 2014 में आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद से ही प्रधानमंत्री ने इसके विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है।

बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र के सतत विकास और वैश्विक स्तर पर भारत की पारंपरिक चिकित्सा को मजबूत करने पर जोर दिया। पीएमओ के अनुसार, “समीक्षा बैठक में आयुष के विभिन्न पहलुओं को सुव्यवस्थित करने, संसाधनों का इष्टतम उपयोग करने और वैश्विक स्तर पर इसकी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए एक दूरदर्शी योजना तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि आयुष क्षेत्र का योगदान न केवल निवारक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने में है, बल्कि यह औषधीय पौधों की खेती के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त कर रहा है। साथ ही, उन्होंने इसे रोजगार सृजन और सतत विकास का एक प्रमुख कारक बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि पारदर्शिता सरकार के प्रत्येक कार्य में सर्वोपरि होनी चाहिए और सभी संबंधित पक्षों को उच्चतम स्तर की ईमानदारी बनाए रखनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी कार्य कानूनी नियमों और सार्वजनिक हित को ध्यान में रखकर किए जाने चाहिए।

आयुष क्षेत्र की महत्वपूर्ण उपलब्धियां:

  • 2014 में आयुष निर्माण बाजार का आकार 2.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2023 में बढ़कर 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
  • आयुष अनुसंधान पोर्टल पर अब 43,000 से अधिक शोध अध्ययन उपलब्ध हैं।
  • पिछले 10 वर्षों में अनुसंधान प्रकाशनों की संख्या पिछले 60 वर्षों की तुलना में अधिक रही है।
  • ‘आयुष वीजा’ की शुरुआत से चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा मिला, जिससे विदेशी मरीज भारत में समग्र चिकित्सा समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीज (ICD-11) में पारंपरिक चिकित्सा को शामिल करने के लिए भारत लगातार प्रयासरत है।
  • राष्ट्रीय आयुष मिशन ने बुनियादी ढांचे और सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • 2024 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) में 24.52 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिससे यह एक वैश्विक आयोजन बन गया है।

इस उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2 शक्तिकांत दास, प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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