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आसान और सुरक्षित डिजीटल पैसे के लेनदेन के लिए प्रधानमंत्री ने शुुरु की ई

पेमेंट करने के इस नए सिस्टम में यूजर को इंटरनेट की सुविधा के बिना भी पैसे ट्रांसफर हो सकेंगे. बैंक अकाउंट की भी जरूरत नहीं होगी.
पेमेंट करने के इस नए सिस्टम में यूजर को इंटरनेट की सुविधा के बिना भी पैसे ट्रांसफर हो सकेंगे. बैंक अकाउंट की भी जरूरत नहीं होगी.

अगर आप गूगल पे, पे-मनी या यूपीआई जैसे डिजिटल तरीके से पैसों का लेनदेन कर रहे हैं तो आपके लिए एक और खुशखबरी है। अब एक सरकारी ई-वैलेट आ गया है जिसका नाम है  ई-रुपी (e-RUPI) । इसको पीएम मोदी ने लॉन्च किया है । सवाल ये है कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट, UPI पहले ही मौजूद हैं तो इस ई-रुपी की क्या जरूरत पड़ गई? इसे गेमचेंजर क्यों कहा जा रहा है?

ई-रुपी क्या है, कैसे काम करता है?
ये डिजिटल तरीके से पेमेंट करने का एक तरीका है. पहले से मौजूद डिजिटल पेमेंट के तरीकों से यह इस मायने में अलग है कि ये वाउचर की शक्ल में मिलेंगे । आसान भाषा में कहें तो ये प्रीपेड गिफ्ट कार्ड है । जिन्हें रिसीव करने वाला शख्स अपनी सहूलियत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकता है । खास बात यह है कि इसके लिए इंटरनेट और बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ेगी ।

इसे उदाहरण से समझें । माना कि सरकार वैक्सीन लगवाने के लिए गरीब तबके के लोगों को पैसे देना चाहती है । इसका एक तरीका तो ये है कि वो सबके अकाउंट में कैश ट्रांसफर कर दे । अब दिक्कत ये है कि बहुत से लोगों के पास बैंक अकाउंट ही नहीं है । फिर ये भी सुनिश्चित नहीं किया जा सकेगा कि जो पैसा भेजा गया, उससे वैक्सीन ही ली गई या कुछ और ऐसे में ये  ई-रुपी काम आएगा ।

इसमें एक एसएमएस या क्यूआर कोड की शक्ल में  ई-रुपी भेजे जा सकते हैं । ये इस्तेमाल और रिसीव करने वाले के हिसाब से यूनीक होंगे । मतलब इसका इस्तेमाल जिसे भेजा गया है, वह शख्स तय काम के लिए ही कर सकेगा । जैसे वैक्सीन के लिए भेजा गया  ई-रुपी वाउचर जिसके मोबाइल नंबर पर आया है, वही उसका वैक्सीन लगवाने के लिए इस्तेमाल कर सकता है । इस वाउचर के इस्तेमाल के बाद इश्यू करने वाले ऑर्गेनाइजेशन को भी नोटिफिकेशन जाएगा कि वाउचर का प्रयोग हो गया है ।

वाउचर कौन इश्यू करेगा?
इस सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए चलाएगा । इसके लिए बैंकों से टाई अप किया गया है । अगर किसी कॉर्पोरेट या सरकारी एजेंसी को  ई-रुपी वाउचर जारी करने हैं तो उन्हें इन पार्टनर बैंकों से संपर्क करना होगा । इसमें प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के बैंक शामिल हैं । ध्यान देने वाली बात ये है कि जो बैंक  ई-रुपी इश्यू करेंगे, जरूरी नहीं कि वो इसे स्वीकार भी करें । मतलब अगर किसी को एबीसी बैंक से जारी किया ई-रुपी वाउचर मिला तो जरूरी नहीं है कि वह बैंक उसे कैश करने की सुविधा भी दे । जिस शख्स के पास ई-रुपी वाउचर भेजने हैं, उसकी जानकारी मोबाइल नंबर के साथ बैंक को देनी होगी. बैंक मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करेगा और ग्राहक को चिन्हित करके उसके मोबाइल नंबर पर ई-रुपी वाउचर भेज देगा ।

किन बैंकों में चलेगा ई-रुपी?
ई-रुपी पर बैंक दो तरह से काम करेंगे. एक वो बैंक जो ई-रुपी वाउचर जारी करेंगे. दूसरे वो जो इन्हें स्वीकार करेंगे. कुछ बैंक ऐसे भी हैं, जो दोनों काम करते हैं. फिलहाल 11 बैंक ऐसे हैं जो ई-रुपी को सपोर्ट करेंगे. अच्छी बात ये है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी एक्सिस बैंक और बैक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े बैंक इस वाउचर को इश्यू भी करते हैं और स्वीकार भी. कैनरा बैंक, इंड्सइंड बैंक, इंडियन बैंक, कोटक महिंद्रा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सिर्फ ई-रुपी वाउचर इश्यू करते हैं, स्वीकार नहीं करते ।

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