Friday 22nd of November 2024 09:56:37 AM
HomeBreaking Newsमंदिर निर्माण में बाधा डालने की नियत से फैलाए हुए दुष्प्रचार का...

मंदिर निर्माण में बाधा डालने की नियत से फैलाए हुए दुष्प्रचार का शिकार न हों राम भक्त

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी चम्पत राय ने समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के नेताओं के द्वारा लगाए गए आरोपों का विस्तार से जवाब देते हुए कहा कि हमारी पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है । कुछ लोगों का शुरू से यह प्रयास रहा है कि किसी तरह निर्माण कार्य रुक जाय इसके लिए वे तरह- तरह के षड्यंत्र रच रहे हैं।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी चम्पत राय की फाइल तस्वीर
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी चम्पत राय की फाइल तस्वीर

क्यों खरीदनी पड़ी अतिरिक्त जमीन? 

उन्होंने कहा कि श्री राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र’ श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार भव्य स्वरूप प्रदान कराना चाहता है।  इसके साथ ही शेष परिसर को सभी प्रकार से सुरक्षित तथा दर्शनार्थियों के लिए सुविधापूर्ण बनाने के लिए कार्य कर रहा है। इस लिए मन्दिर के पूर्व व पश्चिम भाग में निर्माणाधीन परकोटा व रिटेनिंग वाल की सीमा में आने वाले महत्वपूर्ण मन्दिरों/स्थानों को परस्पर सहमति से क्रय किया जा रहा है।

विस्थापित होने वाले हर परिवार का पुनर्वास हमारी जिम्मेदारी

चम्पत राय ने कहा कि न्यास का निर्णय है कि इस प्रक्रिया मे विस्थापित होने वाले प्रत्येक संस्थान/व्यक्ति को पुनर्वासित किया जायेगा। पुनर्वास हेतु भूमि का चयन सम्बन्धित संस्थानों/व्यक्तियों की सहमति से किया जा रहा है। बाग बिजेसी, अयोध्या स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि इसी प्रक्रिया के अन्तर्गत महत्वपूर्ण मन्दिरों जैसे कौशल्या सदन आदि की सहमति से पूर्ण पारदर्शिता के साथ क्रय की गयी है।

2011, 2017 और 2019 में हुआ जमीन का एग्रीमेंट 

उन्होंने कहा कि जिस जमीन को लेकर आरोप लगाए गए हैं , वे भूमि अयोध्या रेलवे स्टेशन के समीप मार्ग पर स्थित एक प्रमुख स्थान (प्राइम लोकेशन) है। इस भूमि के सम्बन्ध में वर्ष 2011 से वर्तमान विक्रेताओं के पक्ष में भिन्न-भिन्न समय (2011, 2017 व 2019) में अनुबन्ध सम्पादित हुआ। खोजबीन करने पर भूखण्ड हमारे उपयोग हेतु अनुकूल पाये जाने पर सम्बन्धित व्यक्तियों से सम्पर्क किया गया।

जमीन बेचने वालों के नाम जमीन का म्यूटेशन हुआ, तब हमने उनसे रजिस्ट्री कराया 

चम्पत राय ने कहा कि भूमि का जो मूल्य माँगा गया, उसकी तुलना वर्तमान बाजार मूल्य से की। अन्तिम देय राशि लगभग 1,423/-रू0 प्रति वर्गफीट तय हुई जो निकट के क्षेत्र के वर्तमान बाजार मूल्य से बहुत कम है। मूल्य पर सहमति हो जाने के पश्चात् सम्बन्धित व्यक्तियों को अपने पूर्व के अनुबन्धों को पूर्ण करना आवश्यक था, तभी सम्बन्धित भूमि तीर्थ क्षेत्र को प्राप्त हो सकती थी। तीर्थ क्षेत्र के साथ अनुबन्ध करने वाले व्यक्तियों के पक्ष में भूमि का बैनामा होते ही तीर्थ क्षेत्र ने अपने पक्ष में पूर्ण तत्परता एवं पारदर्शिता के साथ अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया व पंजीकृत कराया।

सभी भुगतान बैंक से सीधे खाते में किए गए 

उन्होंने बताया कि तीर्थ क्षेत्र का प्रथम दिवस से ही निर्णय रहा है कि सभी भुगतान बैंक से सीधे खाते में ही किये जायेंगे, सम्बन्धित भूमि की क्रय प्रक्रिया में भी इसी निर्णय का पालन हुआ है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि सरकार द्वारा लगाये गये सभी कर आदि का भुगतान हो जाये।

आरोप लगाने वालों ने तीर्थ क्षेत्र के किसी भी पदाधिकारी से संपर्क कर सच्चाई जानने की कोशिश क्यों नहीं की ?

आरोप की भाषा में वक्तव्य देने वाले व्यक्तियों ने आरोप लगाने से पहले तीर्थ क्षेत्र के किसी भी पदाधिकारी से तथ्यों की जानकारी नहीं की, इससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। समस्त श्री राम भक्तों से निवेदन है कि वे ऐसे किसी दुष्प्रचार में विश्वास न करें।

बिना सच्चाई जाने आरोप कैसे लगा दिया?
बिना सच्चाई जाने आरोप कैसे लगा दिया?
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments