कराची: भारत की वापसी के बाद सेंट्रल एशिया वॉलीबॉल टूर्नामेंट को इस्लामाबाद से उज्बेकिस्तान के ताशकंद स्थानांतरित कर दिया गया है। यह फैसला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, की पृष्ठभूमि में लिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेंट्रल एशिया वॉलीबॉल एसोसिएशन (CAVA) की जनरल बॉडी ने यह निर्णय लिया, जिसे पाकिस्तान वॉलीबॉल फेडरेशन (PVF) ने ‘दुखद’ लेकिन ‘समझदारी भरा’ बताया।
🏐 टूर्नामेंट में कोई बदलाव नहीं, बस स्थान बदला
हालांकि पाकिस्तान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच होने वाले टूर्नामेंट की तिथियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन अब यह प्रतियोगिता ताशकंद में आयोजित होगी।
🇮🇳 भारत की वापसी: एक रणनीतिक-सुरक्षात्मक संदेश
PVF अधिकारी अब्दुल अहद ने 27 अप्रैल को पुष्टि की थी कि भारत ने टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया है क्योंकि सरकार ने इस्लामाबाद यात्रा के लिए जारी किया गया NOC रद्द कर दिया है। भारतीय अधिकारियों ने CAVA को सूचित किया कि पाहलगाम हमले के बाद सुरक्षा की दृष्टि से इस निर्णय को अनिवार्य माना गया।
“यह केवल खेल से संबंधित निर्णय नहीं है, बल्कि यह एक साफ कूटनीतिक संदेश भी है कि भारत अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाएं और खिलाड़ियों को निशाना बनाने की आशंका अब महज़ चिंता नहीं, एक जमीनी हकीकत बन चुकी है।”
🕊️ खेल और राजनीति का टकराव
भारत और पाकिस्तान के बीच खेल कूटनीति लंबे समय से तनावों के बीच फंसी रही है। जब खिलाड़ी और टीमें संभावित आतंकी खतरों से जूझती हों, तो भारत जैसे देश का सुरक्षा को प्राथमिकता देना पूरी तरह जायज है। इस फैसले से CAVA को भी यह स्पष्ट संकेत मिला है कि खेल की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है, चाहे आयोजन स्थल कितना भी विवादास्पद क्यों न हो।
निष्कर्ष: भारत की वापसी और आयोजन का स्थानांतरण केवल एक टूर्नामेंट शिफ्ट नहीं है, बल्कि यह एक मजबूत संदेश है कि आतंकवाद के साये में खेल का आयोजन अस्वीकार्य है। उज्बेकिस्तान का चयन इस बात की पुष्टि करता है कि खेलों में भी अब सुरक्षा और राजनयिक रणनीति बराबर अहमियत रखते हैं।