इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के रैंक पर पदोन्नत करने का निर्णय लिया। यह पदोन्नति हाल ही में भारत के साथ हुए सैन्य संघर्ष में उनकी भूमिका को देखते हुए की गई है। वह जनरल अयूब खान के बाद पाकिस्तान के इतिहास में दूसरे फील्ड मार्शल बने हैं।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दुश्मन को हराने के लिए उच्च रणनीति और साहसिक नेतृत्व के आधार पर असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है।”
इससे पहले केवल जनरल अयूब खान को 1959 में फील्ड मार्शल बनाया गया था, जो बाद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति भी बने थे।
हालिया संघर्ष में, भारतीय सेना ने 10 मई को पाकिस्तान के 8 सैन्य ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम की अपील की थी। इसी संदर्भ में जनरल मुनीर की भूमिका को “उत्कृष्ट सैन्य नेतृत्व” करार देते हुए उन्हें यह सम्मान दिया गया।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी से भी मुलाकात कर इस फैसले पर सहमति ली।
एक सरकारी बयान में जनरल मुनीर ने कहा, “यह कोई व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की सेना और उसके लोगों को समर्पित एक सम्मान है।” उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कैबिनेट को उनके विश्वास के लिए धन्यवाद दिया और कहा, “यह एक राष्ट्रीय ट्रस्ट है, जिसे बनाए रखने के लिए लाखों असीम अपनी जान देने को तैयार हैं।“
जनरल मुनीर ने नवंबर 2022 में सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला था। वह इससे पहले इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) के प्रमुख भी रह चुके हैं।
हालांकि ISI प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल पाकिस्तान के इतिहास में सबसे छोटा रहा — उन्हें सिर्फ आठ महीनों के भीतर हटाकर लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद को नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें गुंजरावाला कोर कमांडर और फिर GHQ में क्वार्टरमास्टर जनरल नियुक्त किया गया।
पाकिस्तानी सरकार ने यह भी घोषणा की है कि एयर चीफ मार्शल जहर अहमद बाबर सिधू का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी उनकी सेवाएं जारी रहेंगी।