इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने शनिवार को एक ऐतिहासिक समझौते पर सहमति जताई कि वे एक-दूसरे के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देंगे। यह फैसला पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार की अफगानिस्तान यात्रा के दौरान हुआ।
डार ने काबुल में अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद और विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने सुरक्षा, व्यापार, सीमा प्रबंधन और जनता के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।
डार ने प्रेस वार्ता में कहा, “हमने अपने मेजबानों से कहा है कि क्षेत्र की प्रगति और शांति के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। न हम अपनी जमीन से कोई अवैध गतिविधि चलने देंगे, न आप अपनी जमीन से।”
इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करना है, विशेष रूप से अफगान शरणार्थियों की वापसी और सीमा पार आतंकवाद को लेकर बनी चिंता के बीच।
इस दौरान मुत्ताकी ने पाकिस्तान में रह रहे अफगान शरणार्थियों की स्थिति पर चिंता जताई और उनके अधिकारों की रक्षा की मांग की। डार ने आश्वासन दिया कि शरणार्थियों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा और उनकी संपत्ति की रक्षा की जाएगी।
डार ने व्यापार और ट्रांजिट सुविधाएं बढ़ाने का भी वादा किया और अफगान प्रतिनिधिमंडल को पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया।