तेजपुर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में शहीद हुए भारतीय वायुसेना के कॉरपोरल तगे हैल्यांग के बड़े भाई तगे टका ने कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई से उनके परिवार को कुछ सुकून मिला है। अरुणाचल प्रदेश के लोअर सुबनसिरी जिले के ताजंग गांव से ताल्लुक रखने वाले तगे परिवार ने इस खबर को “आंशिक न्याय” बताया है।
तगे टका ने कहा, “मेरे माता-पिता और तगे हैल्यांग की पत्नी अब कुछ सुकून महसूस कर पा रहे हैं। सेना द्वारा हमें जानकारी देने के बाद परिवार को राहत मिली है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह समय है उन निर्दोष पर्यटकों की हत्या का बदला लेने का, और हमारी सेना को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में स्थित आतंकियों के अड्डों को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिए। यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन अब जो कार्रवाई हुई है, उससे हम खुश हैं। मैं सरकार और सेना का आभार प्रकट करता हूं।”
उन्होंने कहा कि पहलगाम की उस घटना में उनके भाई सहित 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी और यह दर्द अब भी बहुत गहरा है। “हम चाहते हैं कि चारों आतंकियों को जो मेरे भाई को उसकी पत्नी के सामने गोली मारकर भाग गए थे, उन्हें ढूंढ़कर खत्म किया जाए। मेरी माता-पिता और मेरी भाभी, चारो खम्हुआ, जानना चाहते हैं कि क्या वे मारे गए या नहीं।”
तगे टका ने बताया कि उन्होंने टीवी पर देखा कि 7 मई की रात ऑपरेशन के दौरान आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त किया गया। पाकिस्तान ने इन आतंकियों के शवों को अपने झंडे में लपेटकर सम्मान दिया, जिससे साफ हो गया कि पाकिस्तानी सेना भी इन हमलों में शामिल है। “अब वक्त आ गया है कि हमारी सेना उन्हें ऐसा सबक सिखाए जो वो कभी न भूलें।”
कॉरपोरल तगे हैल्यांग ने 2017 में वायुसेना जॉइन की थी। हाल ही में उनका ट्रांसफर जम्मू से डिब्रूगढ़ (असम) हुआ था। वे अपनी पत्नी के साथ पहलगाम घूमने गए थे, जहां 22 अप्रैल को आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया।