केन्द्र सरकार ने संसद में एक पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि मोदी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए “दो बच्चा” नीति देश में लागू नहीं करने जा रही । भाजपा सांसद उदय प्रताप के सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि इस तरह के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं चल रहा है।
जबरदस्ती जनसंख्या नियंत्रण के भयंकर परिणाम होंगे
भारती प्रवीण पवार ने कहा कि दुनिया भर का अनुभव हमें सिखाता है कि जहां भी जोर-जबरदस्ती या सरकारी कानून के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण की कोशिश हुई, वहां दुष्परिणाम ही सामने आए हैं….उन देशों में लिंगानुपात का संतुलन बिगड़ता है । इसकी वजह से जनसांख्यिकीय विकृतियां होती हैं, बेटों को प्राथमिकता देते हुए गर्भपात, बेटियों का परित्याग, यहां तक कि कन्या भ्रूण हत्या होती है।
देश के कई राज्यों ने बिना जोर-जबरदस्ती किए जनसंख्या पर नियंत्रण किया है
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने बिना सख्ती किए जनसंख्या को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है।
लोगों में जागरुकता आई है, लोग खुद ज्यादा बच्चे नहीं चाहते
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश के 28 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश 2.1 की जन्मदर को हासिल कर चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि 2027 तक भारत की जनसंख्या 146.9 करोड़ होने का अनुमान है। धीरे-धीरे स्वयं देश की जनसंख्या नियंत्रण में आ रही है , हालांकि केन्द्र सरकार का जागरुकता अभियान जारी रहेगा ।