नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के दो महीने बाद, पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनीर ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उछालते हुए दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ा दिया है।
कराची स्थित पाकिस्तान नेवल एकेडमी में दिए गए भाषण में मुनीर ने दावा किया कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई का पाकिस्तान ने “सटीक और परिपक्व जवाब” दिया।
हालांकि भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस आरोप को खारिज किया।
मुनीर के बयान से स्पष्ट संकेत मिलता है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना चाहता है, जिससे भारत और दक्षिण एशिया की स्थिरता को खतरा हो सकता है।
इस बयान का समय, स्थान और संदर्भ काफी अहम है—मुनीर का भाषण सिर्फ एक औपचारिक वक्तव्य नहीं था, बल्कि एक रणनीतिक संदेश था। पाकिस्तान में सेना का कूटनीति और आंतरिक राजनीति में जो प्रभुत्व है, उसे देखते हुए यह बयान जानबूझकर किया गया राजनीतिक और रणनीतिक दांव कहा जा सकता है।
भारत के लिए यह एक चेतावनी है कि सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि राजनयिक मंचों, आतंरिक सुरक्षा और वैश्विक नैरेटिव्स में भी चौकन्ना रहने की आवश्यकता है।
कश्मीर को फिर से उठाकर, पाकिस्तान एक बार फिर गैर-सरकारी आतंकवादी कार्रवाइयों को वैधता देने की कोशिश कर सकता है, जो क्षेत्रीय शांति के लिए एक बड़ा खतरा है।
मुनीर के बयान से यह भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की सेना, आंतरिक राजनीतिक संकट से ध्यान भटकाने के लिए एक बार फिर कश्मीर कार्ड खेल रही है।