उज्ज्वल दुनिया (संदीप सिन्हा) हजारीबाग। विनोबाभावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने एक वर्ष के कार्यकाल में कई नए आयाम और कीर्तिमान गढ़े।
कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने शैक्षणिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाया।
यह जानकारी देते हुए विनोबाभावे विश्वविद्यालय के आरटीआई अधिकारी, पीआरओ सह राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों, पदाधिकारियों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी हर तरह से सहयोग किया और उनका हौसला बढ़ाए रखा।
उन्होंने विद्यार्थियों कठिनाइयों को विशेष ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कक्षाओं से समय पर पाठ्यक्रम पूरा कराया।
समय पर परीक्षा और रिजल्ट भी दिए ताकि विद्यार्थियों का करियर प्रभावित नहीं हो।
स्ववित्तपोषित विषयों के विद्यार्थियों की आर्थिक भरपाई के लिए विश्वविद्यालय की ओर से शुल्क की राशि में 25% की कटौती करा दी।
दिव्यांग विद्यार्थी के चार वर्षों से लंबित परीक्षाफल का प्रकाशन कराया।
शिक्षकों और कर्मचारियों की वर्षों से लंबित 360 पेंशन मामलों के निष्पादन में अहम भूमिका निभाई।
अब शिक्षकों और कर्मचारियों का प्रत्येक माह के प्रथम दिन वेतन भुगतान का कार्य संपन्न कराया जा रहा है।
एक वर्ष में 177 परीक्षाफल का प्रकाशन हो चुका है। भावी परीक्षाओं की तैयारी भी पूरी की जा चुकी है।
यूनिवर्सिटी कैंपस में 100 केबीए का सोलर प्लांट स्थापित किया जा चुका है और बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो रही है।
प्रशासनिक भवन में अत्याधुनिक डिजिटल स्टूडियो का निर्माण पूरा हो चुका है। यह झारखंड का प्रथम अत्याधुनिक डिजिटल स्टूडियो होगा।
इसके माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं एवं समय-समय पर संवाद, सेमिनार और वेबिनार संपन्न कराए जाएंगे।
विश्वविद्यालय परिसर में 1800 क्षमता वाले बहुउद्देश्यीय परीक्षा भवन और इंडोर खेल के लिए मल्टीपरपस भवन बनकर तैयार है।
विश्वविद्यालय लॉ कॉलेज का विशाल अत्याधुनिक भवन हस्तगत हो चुका है।
भवन निर्माण विभाग की ओर से विभावि परिसर में 250 बेड वाले हॉस्टल, दो बास्केट बॉल कोर्ट, क्रिकेट मैदान में दो पवेलियन, पानी निकासी के लिए नाला और कैंपस सौंदर्यीकरण कार्य प्रगति पर हैं।
शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए भी विभावि प्रशासन काफी गंभीर है। कई शिक्षकों को प्रोन्नति दी गई है और शेष शिक्षकों और कर्मचारियों की प्रोन्नति के लिए प्रयास जारी है। उनके लंबित वेतन के लिए भी प्रयास जारी है।
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के स्थापना काल से शिक्षक एवं कर्मचारियों के पद की स्वीकृति नहीं है। इसके लिए भी कुलपति लगे हुए हैं।
विश्वविद्यालय में कुछ विषयों में नए कोर्स भी प्रारंभ किए जाएंगे।
सभी महाविद्यालयों सहित विश्वविद्यालय में डिजिटल बोर्ड भी स्थापित किये जाएंगे और वर्चुअल क्लास की व्यवस्था भी जल्द शुरू होगी।
विभावि के लिए एक अलग परिसर के निर्माण की योजना है। भूमि आवंटन के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया जा चुका है।
विनोबाभावे विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में शुमार करने के लिए डॉ होमी जहांगीर भाभा परमाणु रिसर्च संस्थान से सेवानिवृत्त सीनियर साइंटिस्ट डॉ प्रो. मुकुल नारायण देव के कुलपति होने का पूरा लाभ मिल रहा है।