सुधारों की शर्त पर मिलेगी सहायता, बिजली वितरण कंपनियों को कम करना होगा घाटा
रांची : झारखंड से राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा है कि उदय योजना के बाद एक बार फिर नरेंद्र मोदी की सरकार देश भर में चौबीसों घंटे निर्बाध बिजली देने और इसके लिए बिजली वितरण कंपनियों को सशक्त बनाने की योजना लेकर आ रही है| झारखंड की बिजली वितरण कम्पनी का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड की बिजली वितरण कंपनी के लिए यह गलतियाँ सुधार कर और प्रोफेसनल रवैया अपनाकर आत्मनिर्भर होने का आखिरी मौका है|
यह ध्यान रखने की जरूरत है कि यह सहायता प्रदर्शन और सुधार आधारित होगी और अपेक्षित प्रदर्शन नहीं करनेवाले राज्य सहायता पाने से वंचित भी हो सकते हैं| सांसद महेश पोद्दार ने राज्यसभा में बिजली वितरण कंपनियों की सहायता से संबंधित भारत सरकार की नई योजना के संबंध में प्रश्न पूछा था, जिसका लिखित उत्तर देते हुए विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने यह जानकारी दी|
सांसद महेश पोद्दार के प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री आर के सिंह ने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत, पात्र वितरण कंपनियों को डिस्ट्रीब्यूशन इन्फ्रस्ट्रक्चर के उन्नयन के लिए तथा नेटवर्क के लिए स्मार्ट मीटरिंग प्रणालियों के साथ-साथ उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग प्रणाली हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी| प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और सिस्टम मीटरिंग के अलावा अन्य कार्यों के लिए वित्त पोषण ऐसे वितरण कंपनियों पर निर्भर करेगा जो पूर्व निर्धारित मानदंड को पूरा करते हों तथा हानि में कमी लाने की कार्य योजनाओं के आधार पर तैयार किये गए परिणाम मूल्यांकन मैट्रिक्स में कम से कम 60% अंक प्राप्त करते हों और जिन वितरण कंपनियों की कार्य योजनायें भारत सरकार द्वारा अनुमोदित हों|
निजी क्षेत्र की विद्युत कंपनियों को छोड़कर सभी राज्य स्वामित्व की वितरण कंपनियां संशोधित वितरण क्षेत्र स्कीम के तहत वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगी| लेकिन यदि कोई डिस्कॉम घाटे में चल रहा है, तो वह इस स्कीम के तहत फंड पाने का पात्र तबतक नहीं होगा जबतक कि वह हानियों को कम करने की योजना तैयार नहीं करता है । ऐसी हानियों को कम करने के लिए किये जानेवाले उपायों को सूचीबद्ध नहीं करता है, उनकी समय सारणी तैयार नहीं करता है, इसके लिए अपनी राज्य सरकार की मंजूरी प्राप्त नहीं करता है और इसे केंद्र सरकार को प्रस्तुत नहीं करता है|