झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोशिएशन (जेएससीए) जो बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) से संबद्ध है, ने बोकारो में एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए सेल-बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के साथ एक लीज समझौता पर हस्ताक्षर किया। इस समझौते के तहत सेल-बीएसएल द्वारा बोकारो में एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए जेएससीए को 33 साल की अवधि के लिए 20.17 एकड़ भूमि का हस्तांतरण किया जाएगा । लीज समझौता में सेल बोर्ड द्वारा अनुमोदित लीज की शर्तों और अन्य अनुमोदनों के आधार पर आगे लीज नवीनीकरण का प्रावधान भी शामिल है । जेएससीए को लीज़ पर दी जाने वाली भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग-23 के दक्षिण में मौजा-नरकारा और मौजूदा विस्थापित महाविद्यालय के दक्षिण पश्चिम में स्थित है ।
सेल-बीएसएल और जेएससीए के बीच लीज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर सेल-बीएसएल के निदेशक प्रभारी अमरेन्दु प्रकाश, बीसीसीआई के पूर्व सचिव और आईसीसी के पूर्व डायरेक्टर अमिताभ चौधरी, मानद अध्यक्ष जेएससीए डॉ नफीस अख्तर तथा मानद सचिव जेएससीए संजय सहाय की उपस्थिति में किया गया । इस अवसर पर माननीय विधायक बोकारो बिरंची नारायण, सेल-बीएसएल के अधिशासी निदेशक और जेएससीए व बीएसएल के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे ।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2018 में जेएससीए ने बोकारो में एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए सेल-बीएसएल को भूमि आवंटित करने का अनुरोध किया था । इस प्रस्ताव को बीएसएल ने सेल बोर्ड और इस्पात मंत्रालय के अनुमोदन के लिए प्रेषित किया और सभी आवश्यक अनुमोदन प्राप्त होने के बाद आगे की कार्यवाई आरम्भ की । दोनों पक्षों द्वारा लीज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने से पहले अन्य सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई थी ।
इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए सेल-बीएसएल के निदेशक प्रभारी अमरेन्दु प्रकाश ने इसे सभी के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा कि बोकारो में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम स्थानीय क्रिकेट प्रतिभाओं को तराशने में भी सहायक होगा । मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते हुए अमिताभ चौधरी ने कहा कि बोकारो में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम सुविधाओं के मामले में अत्याधुनिक होगा और इसमें लगभग पच्चीस हजार लोगों के बैठने की क्षमता होगी । लीज एग्रीमेंट के सम्पन्न हो जाने से अब बोकारो में जेएससीए द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है ।