मधुपुर/देवघर । झारखंड के मधुपुर उप-चुनाव में हेमंत सरकार के मंत्री हफीजुल हसन ने कांटे की टक्कर में बीजेपी के गंगा नारायण सिंह को पांच हजार से अधिक वोटों से हरा दिया। इस प्रतिष्ठा की टक्कर में एक ओर हफीजुल हसन और हेमंत सोरेन की जोड़ी थी तो दूसरी ओर निशिकांत दूबे और बाबूलाल जैसे दिग्गज की जोड़ी । हेमंत सोरेन ने मधुपुर की जीत के साथ ही ये साबित कर दिया है कि झारखंड के मतदाताओं पर उनकी जैसी पकड़ फिलहाल किसी दूसरे नेता की नहीं।
आखिरी राउंड तक बना रहा सस्पेंस
मधुपुर में मुकाबला आसान नहीं था, लेकिन हफीजुल हसन की जीत में सबसे बड़ा फैक्टर रहा मुस्लिम वोटों की एकजुटता। वहीं बीजेपी के वोट नोटा (5 हजार 127) और निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच बंट गया। इसके अलावा हेमंत सोरेन फैक्टर ने तराजू का पलडा हफीजुल हसन की ओर झुका दिया। एक लाख पांच हजार से अधिक वोट लाकर भी गंगा नारायण सिंह चुनाव हार गए, इसकी टीस उन्हें लंबे समय तक सालती रहेगी ।
आजसू और राज पालिवाल फैक्टर
पूरे चुनाव प्रचार से आजसू लगभग गायब रही । अगर सुदेश महतो गंगा नारायण सिंह के पक्ष में कुछ और जनसभा करते (खासकर महतो बहुल गांव में) तो शायद कुछ फर्क पड़ सकता था । बीजेपी के अंदर राज पालिवाल फैक्टर पर चर्चा जरूर होगी । राज पालिवाल के लोग मधुपुर के गाँवों में घूम-घूमकर क्या कर रहे थे, इसे बाबूलाल भी जानते हैं और निशिकांत दूबे भी । इसपर दीपक प्रकाश की टीम आगे क्या निर्णय लेती है ये देखने वाली बात होगी।