
रांची । हम अक्सर ब्यूरोक्रेसी को अकड़ू, शातिर और कायदे-कानून के नाम पर योजनाओं को लटकाने वाले के रूप में देखते हैं। लेकिन क्या सभी नौकरशाह दबंग, एंठन वाले और अहंकारी हैं ? शायद नहीं . झारखण्ड जैसे राज्य को संभाल रहे, बिल्कुल मध्यमवर्गीय परिवार से आए कुछ आइएएस अफसर गरीबों के दर्द को समझते हैं, वे बेरोजगार नौजवानों को नई दिशा दिखा रहे हैं। उन्हें कुछ अच्छा करने को प्रेरित कर रहे हैं।
मनीष रंजन बच्चों को दे रहे हैं प्रतियोगिता परीक्षा के लिए स्टडी मैटेरियल

आईएएस अधिकारी डॉक्टर मनीष रंजन फिलहाल झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग संभाल रहे हैं। मगर उन्होंने एक और महत्वपूर्ण विभाग संभाल रखी है। प्रतियोगी अभ्यर्थियों के लिए स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराने की। झारखंड प्रशासनिक सेवा की तैयारी में लगे अभ्यर्थियों के लिए सामान्य ज्ञान से लेकर कई विषयों की पूरी सीरीज बाजार में मुहैया करा दी है। अब किताबें राज्य में बेस्ट सेलिंग हैं।
ग्रामीण विकास सचिव मनीष रंजन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सभी स्टूडेंट्स की क्षमता होती है कि वो अपना सपना सच साबित कर सके। कई बार अच्छी किताबें नहीं मिलने से ख्वाहिश पूरे नहीं होते। यही वजह रही कि प्रतियोगी परीक्षार्थियों को अच्छी पुस्तकें मिले, इसलिए कई प्रतियोगी किताबें लिखी।
JPSC के लिए भूगोल की बुक लिख रहे हैं आइएएस राजीव

झारखंड के एक और IAS अधिकारी किताब लिख रहे हैं। इनका भी टारगेट प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनेवाले छात्र हैं। झारखंड के भूगोल पर राजीव रंजन का फोकस है। फिलहाल इनकी तैनाती योजना और विकास विभाग में अपर सचिव के पद पर है।
IAS राजीव रंजन ने बताया कि झारखंड का जियोग्राफी पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के लिहाज से बेहद अहम है। छोटानागपुर का पठार से लेकर सिमडेगा, चाईबासा, राजमहल सभी अलग-अलग समय का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां भूगोल पर स्टैंडर्ड किताबों की कमी है। इसी के चलते वो जियोग्राफी पर बुक लिख रहे हैं।


