बंगाल की ममता सरकार और वहां के राज्यपाल ओपी धनकड़ के बीच टकराव जगजाहिर है। इसी तरह के हालात दिल्ली के सीएम केजरीवाल और वहां के एलजी के बीच भी बनें । अब झारखंड की हेमंत सरकार और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के बीच भी टकराव देखने लगा है। ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) के गठन को लेकर हेमंत सरकार और द्रौपदी मुर्मू आमने-सामने हैं ।
झारखंड में भी पैदा हो सकते हैं बंगाल और दिल्ली जैसे हालात- झामुमो
झामुमो के केन्द्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बंगाल, दमन और दीव, दिल्ली जैसे राज्यों में राज्यपाल और स्थानीय सरकार के बीच विवाद की स्थिति बनती दिखती है । वर्तमान में झारखंड जिस तरफ बढ़ रहा है, वह चिंताजनक है । राजभवन बगैर सरकार से किसी अहम मसले पर विमर्श किये फैसले ले रहा है । राज्यपाल अपना कोई भी निर्णय बिना राज्य सरकार के परामर्श के नहीं ले सकतीं ।
TAC को लेकर आमने-सामने हैं राजभवन और सरकार
झारखंड सरकार ने जनजातीय परामर्शदात्री परिषद (TAC) के गठन की फाइल दो बार राजभवन के पास भेजी, जिसे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कुछ आपत्तियों के साथ लौटा दिया। इसके बाद हेमंत सरकार ने टीएसी की नयी नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी । इसके तहत अब टीएसी के गठन में राजभवन की भूमिका नहीं रहेगी, बल्कि मुख्यमंत्री ही सदस्यों का मनोनयन करेंगे । इतना ही नहीं, नई नियमावली के तहत मुख्यमंत्री टीएसी के पदेन अध्यक्ष तथा अनुसूचित जनजाति, जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री उपाध्यक्ष होंगे ।
भाजपा ने नई नियमावली को संविधान का हनन बताया
हेमंत सरकार द्वारा TAC की नई नियमावली को मंजूरी देने के खिलाफ भाजपा राजभवन पहुंची। झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने TAC की नई नियमावली को आदिवासियों के हितों से खिलवाड़ और संविधान का हनन बताया । उन्होंने कहा कि यदि संविधान के साथ कोई छेड़छाड़ करेगा तो भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी। आदिवासी एवं आदिवासियत की हित की कोई अहित करना चाहेगा तो भाजपा उसका मुहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।