झारखंड सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर पहली बार विस्तृत गाइडलाइन जारी की है।
मुख्य बातें:
- सरकारी कर्मचारियों को सरकारी आचार संहिता का पालन करना होगा।
- आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण या राजनीतिक पोस्ट शेयर करने से बचना होगा।
- सरकारी सूचनाओं को साझा करने पर भी रोक रहेगी।
- दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी।
गाइडलाइन के मुख्य बिंदु:
- सरकारी सेवक इंटरनेट मीडिया पर उसी सीमा तक अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं, जिस सीमा तक सरकार द्वारा उसे आपत्तिजनक नहीं माना जाए।
- कार्यालय अवधि में अनावश्यक रूप से व्यक्तिगत अकाउंट का प्रयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।
- गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर संबंधित सरकारी सेवक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
- सरकारी सेवक इंटरनेट मीडिया पर अपने विचारों को साझा करते समय इस बात को ध्यान में रखेंगे कि वे सरकारी सेवक आचार नियमावली से शासित हैं एवं वे अपने विचारों को साझा करते समय अपनी शीलनिष्ठा को बनाए रखेंगे।
- मर्यादा को बनाए रखते हुए सभ्य व्यवहार प्रदर्शित करेंगे और ऐसे पोस्ट साझा करने से बचेंगे जिसे आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण एवं राजनीतिक रूप से पक्षपात पूर्ण माना जा सकता है।
- किसी राजनीतिक/धर्मनिरपेक्षता विरोधी/सांप्रदायिक गतिविधियों का समर्थन नहीं करेंगे और न ही उसे सब्सक्राइब करते हुए अपने पोस्ट, ट्वीट, ब्लॉग आदि के माध्यम से उसका समर्थन करेंगे।
- किसी पोस्ट, ट्वीट आदि के माध्यम से सरकार द्वारा अपनाई गई किसी नीति या कार्रवाई पर चर्चा या आलोचना नहीं करेंगे और न ही इंटरनेट मीडिया पर ऐसी चर्चाओं में भाग लेंगे।
- आपराधिक, अनैतिक एवं अपमानजनक आचरणों या वैसे कृत जो सरकार की छवि को धूमिल करती हो से बचें।
- अपने सहकर्मी या व्यक्तियों के बारे में ऐसा पोस्ट साझा नहीं करेंगे जो अभद्र, अश्लील या धमकी भरा हो।
- किसी भी उन्मादी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे और न ही अपने आश्रितों को शामिल होने की अनुमति देंगे।
- किसी भी पोस्ट में किसी भी जाति, धर्म, वर्ग, संप्रदाय (लिंग, व्यवसाय, क्षेत्र, राज्य आदि के संबंध में कोई भेदभावपूर्ण टिप्पणी नहीं करेंगे।
- किसी उत्पाद या उद्यम का समर्थन नहीं करेंगे।
- अपने कार्य स्थल से संबंधित शिकायतों को वीडियो/फोटो के रूप में पोस्ट, ट्वीट, ब्लॉग या किसी अन्य रूप में इंटरनेट मीडिया पर साझा नहीं करेंगे।
- प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने कार्यालय या विभाग के कार्यों से संबंधित किसी भी संवेदनशील, गोपनीय सरकारी सूचनाओं को साझा नहीं करेंगे।
- ऐसी कोई सूचना साझा नहीं करेंगे, जो राष्ट्रीय सुरक्षा, गोपनीयता एवं सरकार के हितों से समझौता कर सकती है।
- अपने पोस्ट, ट्वीट या ब्लॉग आदि के माध्यम से किसी भी राजनीतिक गतिविधियों/कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगे और न ही किसी राजनीतिक विचारधारा या राजनीतिज्ञ का समर्थन करेंगे।
- सभ्य व्यवहार का प्रयोग करते हुए ट्रालिंग से अपने आप को दूर रखेंगे।
- अपने अकाउंट का उपयोग इस तरह नहीं करेंगे, जिससे यह समझा जा सकता है कि उसकी गतिविधियां सरकार का समर्थन या विरोध करती हो।
- सरकारी सेवक अपने अकाउंट के डीपी या प्रोफाइल पिक्चर पर किसी भी संगठन या राजनीतिक दल आदि से संबंधित प्रतीक नहीं लगाएंगे।
- विभागीय आदेश, अधिसूचना, संकल्प आदि व्यक्तिगत अकाउंट पर साझा नहीं करेंगे।
- यदि सरकारी सेवक के द्वारा इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए आर्थिक लाभ प्राप्त किया जाता है तो उसकी सूचना अपने नियुक्ति प्राधिकार को देते हुए उसकी अनुमति प्राप्त करेंगे।
- न्यायालयों द्वारा पारित किसी भी आदेश के संबंध में ऐसा कोई भी पोस्ट साझा नहीं करेंगे, जिससे न्यायालय की अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो।
- सरकारी सेवक कार्य अवधि में इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, वेबिनार आदि में आमंत्रित किए जाने एवं उसमें भाग लेने के पूर्व अपने नियंत्री पदाधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त कर लेंगे।
- ऑनलाइन पोल/वोटिंग में भाग नहीं लेगे और न ही इस संबंध में कोई टिप्पणी करेंगे।
यह गाइडलाइन सरकारी कर्मचारियों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश देती है और उन्हें किसी भी प्रकार के विवाद से बचने में मदद करती है।