- झारखंड से आए पानी ने बंगाल को डुबोया- ममता बनर्जी
- ममता बनर्जी के आरोपों पर झारखंड की ओर से सफाई
- पानी छोड़ने को लेकर दी गई थी सूचना- झारखंड प्रशासन

रांची/कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि झारखंड में हुई भारी बारिश का खामियाजा पश्चिम बंगाल भुगत रहा है। उन्होने कहा कि बाढ़ से राज्य के हजारों लोग जूझ रहे हैं। दक्षिणी हिस्से में आई बाढ़ को उन्होंने ‘मानव निर्मित’ करार दिया। हालांकि झारखंड की ओर से सफाई में कहा गया है कि पहले ही सूचना दे दी गई थी।
झारखण्ड के खिलाफ करुंगी विरोध का नेतृत्व- ममता
ममता बनर्जी ने बाढ़ के लिए झारखंड और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बंगाल को सूचित किए बिना, बांधों और बराजों से अनियोजित तरीके से पानी छोड़ा गया। इसकी वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। झारखंड सरकार की तरफ से बांधों और बराजों की ड्रेजिंग नहीं कराई जाती। दोबारा बाढ़ न आए इसके लिए उन्होंने बांधों और बराजों की ड्रेजिंग कराने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने बड़े पैमाने पर विरोध की भी चेतावनी दी।
झारखण्ड के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस के एक सुर
इधर रांची में बीजेपी और कांग्रेसकी ओर से कहा गया है कि डीवीसी ने हमेशा अतिरिक्त पानी छोड़ने से पहले बंगाल सरकार को अवगत कराया है और इस बार भी कोई अपवाद नहीं है। लेकिन तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस जो कह रही है, वह सरासर झूठ है। डीवीसी ने बंगाल सरकार से परामर्श किए बिना ही पानी छोड़ा। यह अन्यायपूर्ण है। हम इसका विरोध करते हैं।
हमने बंगाल सरकार को पहले ही बता दिया था- डीवीसी
पूरे मसले पर झारखंड की ओर से कहा गया है कि चक्रवाती तूफान गुलाब और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव की वजह से धनबाद और आसपास के क्षेत्रों में इस सप्ताह करीब 375 मिलीमीटर बारिश हुई। जिसके कारण जिले की दो प्रमुख नदियां दामोदर और बराकर नदी खतरे के निशान को पार कर गई। इस कारण धनबाद में बराकर नदी पर बने मैथन डैम और दामोदर नदी पर पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान तक आ पहुंच गया। इसे देखते हुए केंद्रीय जल आयोग के दिशा-निर्देश पर डैम से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि पानी छोड़ने के पहले डीवीसी ने पश्चिम बंगाल सरकार के संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया था। डैम से छोड़े जा रहे पानी के कारण वहां के निचले हिस्से में बाढ़ का खतरा उत्पन्न होने की चेतावनी पहले ही जारी कर दी गई थी।

