नई दिल्ली: यूनाइटेड किंगडम (यूके) में प्रवास करने की योजना बना रहे लोगों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने सोमवार को इमिग्रेशन नीति में बड़े बदलावों की घोषणा की है। इन बदलावों के तहत अब नागरिकता के लिए इंतज़ार की अवधि 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है।
डाउनिंग स्ट्रीट से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए स्टारमर ने कहा कि उनकी लेबर पार्टी सरकार की प्राथमिकता “नियंत्रित, चयनात्मक और निष्पक्ष” इमिग्रेशन प्रणाली बनाना है। उन्होंने कहा, “यह योजना साफ तौर पर प्रवास की संख्या को कम करेगी – यह मेरा वादा है।”
क्या बदलेगा नए नियमों में:
🔸 अब कोई भी प्रवासी – चाहे वह भारतीय हो या अन्य – 5 वर्षों के प्रवास के बाद स्वत: स्थायी नागरिकता के पात्र नहीं होगा। अब इसके लिए कम से कम 10 वर्षों का योगदान जरूरी होगा।
🔸 केवल वे प्रवासी जो यूके की अर्थव्यवस्था और समाज में वास्तविक व दीर्घकालिक योगदान देते हैं – जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, एआई विशेषज्ञ और नर्स – तेजी से नागरिकता के लिए पात्र होंगे।
🔸 हर वीज़ा श्रेणी में अंग्रेज़ी भाषा की योग्यता को कठिन बनाया जाएगा। अब प्रवासियों के सभी वयस्क आश्रितों को भी बुनियादी अंग्रेज़ी समझने का प्रमाण देना होगा।
🔸 सरकार अब अत्यधिक संख्या में आने वाले केयर वर्करों पर भी सख्ती करेगी।
🔸 यूके सरकार ने यह भी कहा कि बैकडोर रास्तों से सेटलमेंट को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा और नियमों के दुरुपयोग पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
डाउनिंग स्ट्रीट के मुताबिक, “हमारे सार्वजनिक संसाधनों पर दबाव बढ़ा, मकानों के किराए में उछाल आया, और नियोक्ताओं ने कौशल विकास की बजाय सस्ते विदेशी श्रम का विकल्प चुना।”
स्टारमर ने यह भी स्पष्ट किया कि वे प्रवासियों की संख्या पर कोई ‘कैप’ नहीं लगाएंगे, क्योंकि अतीत में ऐसा करने वाले सभी प्रधानमंत्रियों के प्रयास असफल रहे हैं।