इजरायली सेना की वापसी दक्षिण गाजा से: एक खतरे की आहट?
इजरायली सेना ने हाल ही में अपनी सेना को दक्षिणी गाजा से वापस बुलाने का फैसला किया है। इस फैसले के पीछे का कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन इसके विषय में कुछ सूत्रों ने बताया है कि यह फैसला ईरान के डर और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण हुआ हो सकता है।
इजरायल और दक्षिणी गाजा के बीच संबंधों का इतिहास
इजरायल और दक्षिणी गाजा के बीच के संबंधों का इतिहास बहुत पुराना है। यह क्षेत्र नियमित रूप से विवादों का केंद्र रहा है और दोनों देशों के बीच सीमा विवादों की वजह से तनावपूर्ण रहा है। दक्षिणी गाजा पश्चिमी तट से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इजरायल की सीमा से जुड़ी हुई है।
इजरायल ने 2005 में दक्षिणी गाजा से अपनी सेना को वापस बुलाया था, जिससे दक्षिणी गाजा पर इजरायल का नियंत्रण कम हो गया था। इसके बाद से, दक्षिणी गाजा में हमलों और विवादों की संख्या में वृद्धि हुई है। इजरायल के साथी देशों ने इसे एक खतरे के रूप में देखा है और इसलिए इजरायल ने अपनी सेना को फिर से दक्षिणी गाजा में बुलाने का फैसला लिया है।
ईरान का डर और अंतरराष्ट्रीय दबाव
इजरायल के फैसले के पीछे का कारण ईरान के डर और अंतरराष्ट्रीय दबाव का भी हो सकता है। ईरान और इजरायल के बीच रिश्तों में हमेशा से तनाव रहा है। ईरान इस्लामिक गणराज्य है और इजरायल एक यहूदी राष्ट्र है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच विभिन्न धार्मिक, सामरिक और राजनीतिक विवाद हुए हैं।
ईरान के नेताओं ने पिछले कुछ सालों में इजरायल के खिलाफ खुलेआम धमकियां दी हैं और अपने न्यूक्लियर कार्यक्रम के माध्यम से इजरायल को खतरा पहुंचाने की कोशिश की है। इजरायल ने भी ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम को रोकने के लिए अपने संघर्ष किए हैं और दूसरे देशों को भी इस खतरे पर चेतावनी दी है।
इसके अलावा, इजरायल को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी दबाव महसूस हो रहा है। कई देशों ने इजरायल के खिलाफ आर्थिक, सामरिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाए हैं और उनके साथी देश भी इसे समर्थन नहीं कर रहे हैं। इसके कारण इजरायल को अपनी सुरक्षा के लिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव को कम करने के लिए अपनी सेना को दक्षिणी गाजा में बुलाने का फैसला लिया हो सकता है।
नतीजा
इजरायली सेना की वापसी दक्षिण गाजा से एक खतरे की आहट हो सकती है। इसके पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन ईरान के डर और अंतरराष्ट्रीय दबाव का भी यह फैसला हो सकता है। इजरायल और दक्षिणी गाजा के बीच के संबंधों का इतिहास बहुत पुराना है और इस क्षेत्र में नियमित रूप से विवाद हुए हैं। इजरायल को ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव से खतरा महसूस हो रहा है, जिसके कारण यह फैसला लिया गया है।