Friday 22nd of November 2024 02:03:46 AM
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क्या कांग्रेस के अंदर दलितों और सवर्णों के लिए कोई जगह नहीं बची ?

कांग्रेस पार्टी के भीतर सबसे प्रमुख संस्था है AICC (All India Congress Committee) यानि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी । पार्टी के सारे अहम फैसलों पर इसी कमेटी की मुहर लगती है । या यूं कहें कि गांधी परिवार के बाद कांग्रेस में डिसिजन मेकिंग बॉडी है AICC  । इस दफे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में बिहार से 6 नेताओं को शामिल किया गया है । इनमें से चार मुस्लिम हैं तो दो ओबीसी तबके से आते हैं । दिलचस्प बात ये है कि 4 मुस्लिम में 3 एक ही जिले से आते हैं । ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में बिहार से सवर्ण औऱ दलित वर्ग का कोई नुमाइंदा नहीं है ।

कांग्रेस के अंदर अब दलितों और सवर्णों की पूछ नहीं

बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष अनिल शर्मा ने पार्टी नेतृत्व को रवैया बदलने की नसीहत दी है । अनिल शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि जब सबकुछ मुसलमानों को ही देना है तो फिर बाकी जातियां कांग्रेस का साथ क्यों दें ? उन्‍होंने कहा कि AICC में बिहार से 6 नेताओं में से चार मुस्लिम और दो ओबीसी से हैं । अनिल शर्मा ने पार्टी नेतृत्व को कहा है कि AICC बिहार से अनुसूचित जाति, अति पिछड़ा वर्ग और सवर्ण जातियों को भी जगह दी जानी चाहिए ।

बिहार कांग्रेस में टूट की आशंका

हाल ही में बिहार कांग्रेस में बड़ी टूट की पटकथा लगभग तैया थी। कांग्रेस से जेडीयू में गए अशोक चौधरी और ललन सिंह ने लगभग पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन एन वक्त पर मामला सामने आ गया । बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्तचरण दास ने किसी तरह आकर मामले को संभाला। अब AICC में सिर्फ मुसलमानों को वरीयता देते के बाद संगठन के अंदर असंतोष का लावा फूट पड़ा है।

बिहार-झारखंड दोनों में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा

बिहार कांग्रेस में फेरबदल की चर्चा भी आम हैं । कांग्रेसियों के बीच चर्चा है कि बिहार-झारखंड सहित कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष को बदला जा सकता है । वहीं बिहार और झारखंड दोनों राज्यों में पार्टी के विधायकों को लेकर भी कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं ।

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