नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए तय की गई रूपरेखा (Terms of Reference) में लगभग 19 अध्याय शामिल हैं। इनमें वस्त्र, सेवाएं, सीमा शुल्क सुविधाएं जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
इन वार्ताओं को गति देने के लिए भारत का एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह वाशिंगटन का दौरा करेगा, जहां कुछ मुद्दों पर मतभेदों को सुलझाने की कोशिश की जाएगी। इन वार्ताओं का नेतृत्व वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव और भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल करेंगे। उन्हें 18 अप्रैल को अगला वाणिज्य सचिव नियुक्त किया गया है और वे 1 अक्टूबर से पदभार ग्रहण करेंगे।
यह पहली बार है जब भारत और अमेरिका के बीच आमने-सामने की वार्ता होगी। तीन दिवसीय यह बातचीत 23 अप्रैल से शुरू होगी। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब हाल ही में अमेरिका का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आया था, जो इस बात का संकेत है कि BTA वार्ताएं तेज़ी पकड़ रही हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 9 अप्रैल को घोषित 90 दिनों के टैरिफ विराम का उपयोग दोनों देश तेजी से वार्ताएं पूरी करने के लिए कर रहे हैं। भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने 15 अप्रैल को कहा था कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार उदारीकरण के मार्ग पर आगे बढ़ने का फैसला कर चुका है।
भारत और अमेरिका मार्च से व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं और दोनों पक्ष इस साल सितंबर-अक्टूबर तक पहले चरण के समझौते को पूरा करने का लक्ष्य रखे हुए हैं। इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा लगभग 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है।
व्यापार समझौते में आम तौर पर दोनों देश अधिकतम वस्तुओं पर सीमा शुल्क को घटाते या समाप्त करते हैं। इसके अलावा, सेवाओं के व्यापार को प्रोत्साहित करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नियमों को सरल बनाया जाता है।
अमेरिका जहां इलेक्ट्रिक वाहनों, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, डेयरी और कृषि उत्पादों जैसे सेगमेंट में शुल्क रियायत चाहता है, वहीं भारत कपड़ा, रत्न-आभूषण, चमड़ा, प्लास्टिक, रसायन, झींगा और बागवानी उत्पादों जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में शुल्क कटौती की अपेक्षा कर सकता है।
2021-22 से लेकर 2024-25 तक अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा। भारत की कुल वस्तु निर्यात का 18% अमेरिका को जाता है, जबकि कुल आयात का 6.22% और द्विपक्षीय व्यापार का 10.73% अमेरिका के साथ होता है। 2024-25 में भारत को अमेरिका के साथ 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष रहा, जो 2023-24 में 35.32 अरब डॉलर था।
ट्रेड गैप को कम करने और घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल को 26% तक के आयात शुल्क की घोषणा की थी, जिसे बाद में 9 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया। भारत से अमेरिका को प्रमुख निर्यात में दवा निर्माण, दूरसंचार उपकरण, रत्न-आभूषण, पेट्रोलियम उत्पाद, कपड़े और इस्पात शामिल हैं।