पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने मगही एवं भोजपुरी भाषा को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने की मुख्यमंत्री से मांग की है । उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि झारखंड की एक बड़ी आबादी जो वर्षों से झारखंड में निवास कर रही है और वे यहां के मूल निवासी हैं वह भी मगही, अंगिका एवं भोजपुरी आदि भाषा का उपयोग करती है । ऐसे छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएगी ।
मगही, भोजपुरी, अंगिका आदि भाषाओं को भी जेएसएससी के अंतर्गत स्वीकृत क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने को लेकर आज माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें एक अनुरोध पत्र सौंपा।
माननीय ने विमर्श के उपरांत न्यायिक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।@HemantSorenJMM @JharkhandCMO pic.twitter.com/oReToOA0JF
— Mithilesh Kumar Thakur 🇮🇳 (@MithileshJMM) August 6, 2021
इसलिए आवश्यक है कि इन भाषाओं को भी क्षेत्रीय भाषा में सम्मिलित किया जाए ताकि पलामू प्रमंडल के तीनों जिला गढ़वा, पलामू व लातेहार सहित चतरा जिला के अभ्यर्थियों को झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में समान अवसर मिल सके. इस संबंध में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर मिलकर वार्तालाप कर मांग पत्र सौंपा है.