भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बढ़ती जनसंख्या और सीमित होते प्राकृतिक संसाधन हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय हैं। चाहे पानी की बात हो, पर्यावरण की बात हो या अन्य प्राकृतिक संसाधनों की बात हो। निश्चित रूप से बढ़ती हुई जनसंख्या इन सब के लिए ही बड़ी समस्या खड़ी कर रही है। हम अपने देश की बात करें आज भारत की जनसंख्या 130 करोड़ से अधिक हो चुकी है। देश की आजादी के बाद से लंबे समय तक सरकारों ने जागरूकता अभियान चलाएं ताकि लोग जनसंख्या नियंत्रण के महत्व को समझ सके, जनसंख्या नियंत्रण से जुड़ी मुहिम से जुड़ सकें। इस जागरूकता अभियान में करोड़ों रुपए खर्च हुए परंतु इसका कोई सार्थक परिणाम हमें देखने को नहीं मिला। देश की जनसंख्या लगातार बढ़ती ही रही।
उक्त बातें राँची के सांसद संजय सेठ ने आज लोकसभा में कही। श्री सेठ लोकसभा के नियम 377 के तहत भारत में जनसंख्या कानून को लेकर अपनी बात रख रहे थे।
उन्होंने कहा कि अब जब हम हर क्षेत्र के विकास की बात कर रहे हैं। शिक्षा हो या रोजगार हो या व्यवसाय हो या फिर अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं हो। सबके रहने के लिए आवास हो। इन सबकी चिंता करते हैं तो कहीं ना कहीं हमको यह दिखता है कि आज से दो-तीन दशक के बाद हमारे सामने बहुत बड़ी समस्या खड़ी होने वाली है। इसलिए यह जरूरी है कि सरकार इस देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाए और उसे सख्ती से लागू करे। ताकि आने वाली पीढ़ियों को हम उनका सुरक्षित भविष्य दे सकें।
संजय सेठ ने कहा कि बड़ी चिंता होती है, जब आए दिन अखबारों में ऐसी खबरें पढ़ता हूं कि वहां प्राकृतिक संसाधन कम हो रहे हैं। बढ़ती भीड़ के कारण बहुत सारी समस्याएं हो रही हैं। पर्यावरण के प्रति लोगों की चिंता देखता हूं, पानी के प्रति लोगों की चिंता देखता हूं तो ऐसी स्थिति में हमारे पास एक मात्र उपाय है कि हम सबसे पहले जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाएं ताकि जो इनका पालन सुनिश्चित नहीं करें, उन्हें तमाम सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाए। “हम दो हमारे दो” इस स्लोगन को अब स्लोगन रखने का समय नहीं आया है बल्कि इसे सख्ती से लागू करने का समय आया है।
संजय सेठ ने सदन में कहा कि मैं पूरे विश्वास और जिम्मेवारी के साथ यह बात कहता हूं कि यदि हमने जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाया या इस पर हमने सख्ती नहीं दिखाई तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेगी और हम उन्हें उनका सुरक्षित भविष्य नहीं दे पाएंगे।