रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति डॉ0 रामेश्वर उरांव ने पिछड़ों को आरक्षण के मसले पर संविधान संशोधन पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह प्रारंभ से ही स्पष्ट तौर पर मानना है कि समाज के पिछड़े, दबे-कुचले और वंचित समूहों को आगे बढ़ाने के लिए विशेष छूट दी जाए। इसी सोच के तहत आजादी के बाद कांग्रेस और संविधान सभा के सदस्यों ने सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान किया था। अब संसद से पारित हो जाने के बाद पिछड़ा वर्ग सूची के निर्धारण में राज्यों को बड़ी जिम्मेवारी मिल जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ0 रामेश्वर उरांव ने रांची में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि चुनाव के वक्त ही पार्टी की ओर से यह साफ कहा गया था कि सत्ता में आने पर पिछड़ा वर्ग को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, पार्टी अब भी अपने इस स्टैंड पर कायम है और इस संबंध में मुख्यमंत्री से वे विचार-विमर्श के बाद करेंगे और राज्य सरकार जल्द ही इस दिशा में आवश्यक निर्णय लेगी।
डॉ0 उरांव ने कहा कि पूव में भी समय-समय पर विभिन्न जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग की जा रही है और पूर्व में राज्य सरकार इस संबंध में अपनी सिफारिश को केंद्र सरकार को भेजती थी और जल्द फैसला नहीं हो पाता था, लेकिन अब ओबीसी में विभिन्न जातियों को शामिल करने की छूट मिलने से राज्य सरकार जनआकांक्षा के मुताबिक निर्णय ले पाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी जातीय जनगणना की भी मांग करती है। वर्ष 2011 में भी जातीय जनगणना हुई थी, लेकिन बाद में इसे रिपोर्ट को जारी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पिछड़ा वर्ग को सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक अधिकार दिलाने के निरंतर प्रयासरत है।