उज्ज्वल दुनिया, बरही(हजारीबाग)। हजारीबाग के बरही स्थित जवाहर घाटी रेलवे ब्रिज के पास बड़ा रेल हादसा टल गया।
इसमें मालगाड़ी के ड्राइवर और गार्ड ने बेहतर सूझबूझ का परिचय दिया।
दरअसल जवाहर घाटी रेलवे ब्रिज के पास पटरी पर मंगलवार की रात करीब ढाई बजे अचानक चट्टान खिसक कर गिर गया।
जवाहर घाटी पहाड़ से चट्टान उस समय गिरना शुरू हुआ, जब कोडरमा से हजारीबाग के लिए मालगाड़ी गुजर रही थी।
मालगाड़ी के ड्राइवर अमरदीप कुमार (कोडरमा) और गार्ड सुरेश प्रसाद यादव (हजारीबाग) की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।
उस स्थल पर गति प्रतिबंध होने के कारण ट्रेन 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थी।
ट्रेन के चालक और गार्ड ने देखा कि पहाड़ से चट्टान खिसक कर रेलवे लाइन पर गिर रहा है।
चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लेकर ट्रेन को किसी प्रकार रोका। ट्रेन रुकते-रुकते चट्टान से सट गया। इससे इंजन के पास आंशिक क्षति हुई।
हादसे के बाद इस रेलवे लाइन पर करीब पांच घंटे तक ट्रेनों का आवागमन बाधित रहा।
बुधवार की सुबह आठ बजे तक तक रेलवे लाइन से सभी चट्टानों को हटाया गया।
उसके बाद धनबाद मंडल के वरीय अभियंता-5 प्रीतम कुमार, कोडरमा के सहायक मंडल अभियंता राजन कुमार, यातायात निरीक्षक मनोज कुमार नीरज, बरही स्टेशन के अधीक्षक चंदन कुमार केशरी, पिपराडीह स्टेशन के अधीक्षक बीवी सिंह आदि ने स्थल निरीक्षण किया।
बुधवार को दिन में भी करीब दो घंटों के लिए ट्रेन का आवागमन रोक कर वहां खिसकने वाले चट्टानों को हटाया गया।
बताया जाता है कि अगर ट्रेन बोल्डर से टकराती, तो ट्रेन संतुलन खोते होते हुए ब्रिज के नीचे डैम में भी गिर सकती थी।
एनएच-31 फोरलेन चौड़ीकरण के दौरान जवाहर घाटी के पहाड़ का पत्थर बेतरतीब ढंग से काटे जाने की वजह से चट्टानों के खिसकने की बात कही जा रही है।
पहले भी एनएच-31 के किनारे सड़क पर इसी वजह से कई चट्टानों को गिरते देखा गया है।
इस पर एनएचआई को गंभीरता से ध्यान देना होगा, अन्यथा कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।