कोडरमा। बढ़ते कोरोना मामले को लेकर सरकार और जिला प्रशासन की अपील का जिले में असर दिखने लगा।ओर गैर जरूरी दुकाने बन्द रही वहीं बाजारों में सन्नाटा दिखा। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 22 अप्रैल की सुबह 6 बजे से 29 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक ‘‘स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह’’ की घोषणा की थी। वहीं जिला प्रशासन ने जिले के विभिन्न प्रमुख बाज़ारो में फ्लैग मार्च निकाल तथा ध्वनि-विस्तारक यंत्र के माध्यम से जिलेवासियों से कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर सरकार के द्वारा जारी निर्देश का पालन सख्ती से बरतने की अपील की थी। तथा कहा गया था कि सभी के द्वारा इसका अनुपालन किया जायेगा।
कोरोना संक्रमण के चैन को तोड़ने के लिए सरकार ने लिया निर्णय
डीसी रमेश घोलप ने कोडरमा ने कहा कि जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए इसके चैन को तोड़ना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आवश्यक सामग्री की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकाने बंद रहेंगी। भारत सरकार, राज्य सरकार तथा निजी क्षेत्र के चिन्हित कार्यालय को छोड़ सभी कार्यालय बंद रहेंगे। कृषि, औद्योगिक, निर्माण एवं खनन कार्य की गतिविधियां चलती रहेंगी। धार्मिक स्थल खुले रहेंगे परन्तु श्रद्धालुओं की उपस्थिति प्रतिबंधित रहेगी। कोई भी व्यक्ति अनुमति प्राप्त कार्यों को छोड़कर अपने घर से बाहर नहीं निकलेगा।5 से अधिक व्यक्तियों का कहीं भी एकत्रित होना वर्जित रहेगा।
डीसी श्री घोलप ने कहा कि सभी से अनुरोध है कि अति आवश्यक कार्य छोड़कर अपने घर से बाहर नहीं निकलें।
कोरोना संक्रमण के चलते बैंकों का समय भी बदला, मात्र 4 घण्टे ही होंगें कार्य
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार के द्वारा 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह मनाने का आदेश दिया गया है. कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए सरकार के द्वारा कड़े कदम उठाये जा रहे है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बैंकों ने अपने कामकाज की अवधि और मानव संसाधन की क्षमता को भी घटा दिया है ।जिसके बाद बैंकों में 50 फ़ीसदी कर्मचारियों के साथ 4 घंटे ही काम किया जा रहा है। कामकाज की यह अवधि सुबह 10:00 से दोपहर 2:00 बजे तक सुनिश्चित की गई है। फिलहाल यह व्यवस्था 22 से 30 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी 30 अप्रैल को समीक्षा के बाद इस मामले में आगे का निर्णय लिया जाएगा।
बता दें कि झारखंड में कोरोना संक्रमण के मामले में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है और अब इसकी चपेट में बड़ी संख्या में बैंककर्मी भी आ रहे हैं. ऐसे में ग्राहकों को तकलीफ ना हो और बैंकिंग कामकाज भी प्रभावित ना हो इसलिए जारी गाइडलाइन में इसका पूरा ख्याल रखा गया है।