जल जंगल और जमीन बचाने की बात कहकर प्रदेश की सत्ता में आने वाली महागठबंधन की हेमंत सोरेन सरकार को सत्तारूढ़ दल के ही विधायक घेरने का प्रयास कर रहे हैं। ताजा विवाद गोड्डा जिला अंतर्गत मेहरमा प्रखंड से जुड़ा हुआ है। दो दिन पूर्व अवैध ढंग से गिट्टी को लेकर बिहार जा रहे वाहनों की तस्वीर लेने के क्रम में खनन माफियाओं द्वारा सरेआम पत्रकार को पीट दिए जाने के बाद यह मामला गरमा गया है।
महगामा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा कि खनन माफिया बेलगाम हो चुके हैं। कांग्रेसी विधायक के इस ट्वीट के कई मायने लगाए जा रहे है। विधायक श्रीमती पांडे ने इससे सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर किया है और साथ ही यह ईशारा भी किया है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। अपने पार्टी आलाकमान के पास अच्छी पकड़ रखने वाली दीपिका पांडे ने इस बहाने प्रदेश के अपने नेताओं को यह चेतावनी भी दे दिया है कि उसे बाईपास करके सरकार को चलाने की भूल ना करे।
संताल परगना के क्षेत्र से खनिज की अवैध ढुलाई का कारोबार करोड़ों का होता है। लंबे समय से फल फूल रहे इस कारोबार में सफेदपोश नेताओं के साथ-साथ बड़े-बड़े खनन माफिया की संलिप्तता रहती है। जिसमें अधिकारियों से लेकर नेताओं तक का कमीशन बांधा होता है। यही वज़ह है कि इस क्षेत्र से प्रतिदिन तीन से चार सौ ट्रक गिट्टी, बालू लकड़ी को लेकर साहिबगंज पाकुड़ दुमका गोड्डा जिला के क्षेत्रों से होते हुए बिहार बंगाल तक भेजा जाता है। यहां तक कि गंगा के जल मार्ग से भी अवैध गिट्टी की ढूलाई की जाती है। इसमें पूर्व विधायक का भी नाम सामने आते रहता है।
काली कमाई के इस खेल में प्रशासन भी सब कुछ देख कर दबाव में चुप रहता है। जब बात कुछ आगे बढ़ती है तो औपचारिकता के तौर पर छापामारी कर दो चार गाड़ी को पकड़ लिया जाता है। फिर कुछ दिनों के बाद स्थिति सामान्य हो जाती है।
लोगों को इस सरकार से यह उम्मीद थी कि खनिज का अवैध कारोबार रुकेगा। पिछले ही महीने इस क्षेत्र के झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी अवैध ढूलाई को लेकर आवाज उठाया था यहां तक कि धरना भी दिया मगर कोई नतीजा नहीं निकला। बाद में सब कुछ मैनेज हो गया और धड़ल्ले से यह अवैध कारोबार फलने फूलने लगा।