Tuesday 16th of September 2025 11:49:21 AM
HomeBreaking Newsमैं RSS का सदस्य था और हूं, रिटायर्ड हो रहे कलकत्ता हाई...

मैं RSS का सदस्य था और हूं, रिटायर्ड हो रहे कलकत्ता हाई कोर्ट के जज ने क्या कहा

जस्टिस चित्तरंजन दास, जो हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए हैं, ने अपने न्यायिक करियर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी पृष्ठभूमि और उनके ट्रांसफर की जानकारी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके कार्यकाल और उनके न्यायिक दृष्टिकोण को समझने में सहायक हो सकती है। जस्टिस दास का न्यायिक सफर उड़ीसा हाई कोर्ट से शुरू हुआ, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों को सुनाया और न्यायिक सुधारों में योगदान दिया। उनकी न्यायिक कार्यशैली और निष्पक्षता ने उन्हें एक सम्मानित न्यायाधीश के रूप में स्थापित किया।

उड़ीसा हाई कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान, जस्टिस दास ने अनेक जटिल और संवेदनशील मामलों को निपटाया, जिससे उनकी न्यायिक क्षमता का प्रदर्शन हुआ। उनके न्यायिक फैसले अक्सर न्याय और निष्पक्षता के प्रति उनके समर्पण को दर्शाते थे। इन गुणों के कारण ही उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय में ट्रांसफर किया गया, जहां उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान का लाभ उठाते हुए न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक सशक्त बनाया।

कलकत्ता हाई कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान, जस्टिस दास ने कई महत्वपूर्ण मामलों का निर्णय लिया, जिससे समाज में न्याय की स्थापना हुई। उनके फैसलों ने न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मिसाल कायम की, बल्कि समाज में न्याय और समानता की भावना को भी प्रबल किया। इस प्रकार, जस्टिस दास का न्यायिक करियर एक प्रेरणा स्रोत है, जो न्याय प्रणाली में उनके योगदान को रेखांकित करता है।

RSS के साथ जुड़ाव

जस्टिस चित्तरंजन दास का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ संबंध उनके बचपन से ही प्रारंभ हो गया था। उनके पिता ने उन्हें बचपन में ही संघ की शाखा में भेजना शुरू कर दिया था, जहां उन्होंने अनुशासन, संगठनात्मक कुशलता और राष्ट्रभक्ति के पाठ सीखे। संघ की शाखाओं में बिताए गए समय ने उन्हें एक संगठित और राष्ट्रप्रेमी व्यक्ति के रूप में ढाला।

युवावस्था में, चित्तरंजन दास ने RSS के विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय भाग लिया, जिसमें समाज सेवा, अनुशासनात्मक प्रशिक्षण और नेतृत्व विकास शामिल थे। संघ के साथ उनके जुड़ाव ने न केवल उनके व्यक्तिगत विकास में योगदान दिया, बल्कि उन्हें न्यायपालिका में भी एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान किया।

RSS ने चित्तरंजन दास के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला, जिससे वे समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सके। संघ में सीखे गए मूल्य और सिद्धांत उन्हें न्यायाधीश के रूप में उनके फैसलों में मार्गदर्शक बने। उन्होंने न्यायपालिका में निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता को सर्वोपरि रखा, जो संघ की शिक्षा का प्रतिफल था।

चित्तरंजन दास के अनुसार, RSS ने उन्हें एक उत्कृष्ट समाजसेवी और न्यायप्रिय व्यक्ति बनने में मदद की। संघ में बिताए गए वर्षों ने उन्हें समाज की सेवा करने की प्रेरणा दी और न्याय के प्रति उनकी अटूट निष्ठा को मजबूत किया। इस संगठन ने उनके जीवन के हर पहलू को समृद्ध किया, जिससे वे एक न्यायमूर्ति के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कुशलता से कर सके।

जस्टिस दास ने अपने बयान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि RSS ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और संगठन ने उनके व्यक्तित्व के निर्माण में अहम योगदान दिया है। जस्टिस दास का मानना है कि RSS के सिद्धांत और अनुशासन ने उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता प्रदान की है।

जस्टिस दास ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे RSS के माध्यम से उन्हें समाज सेवा, नैतिकता, और राष्ट्रप्रेम के मूल्य सिखाए गए। उनके अनुसार, संघ के अनुशासन और संगठनात्मक ढांचे ने उन्हें एक मजबूत, जिम्मेदार, और अनुशासित व्यक्ति बनाने में मदद की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ ने उन्हें आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की भावना विकसित करने में सहायता की है।

RSS के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए जस्टिस दास ने कहा कि संघ ने उनके जीवन की दिशा को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। उनके अनुसार, RSS के साथ उनका जुड़ाव केवल एक संगठनात्मक संबंध नहीं था, बल्कि यह एक परिवार की तरह था जहां उन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण सबक सीखे। उन्होंने यह भी बताया कि संघ के माध्यम से उन्होंने कई प्रेरणादायक व्यक्तियों से मुलाकात की और उनके साथ काम किया, जिससे उनके जीवन में नए दृष्टिकोण और विचारधाराओं का समावेश हुआ।

जस्टिस दास ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि RSS ने उन्हें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने और निभाने का अवसर प्रदान किया। उनके अनुसार, संघ के माध्यम से उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के साथ काम करने का अनुभव प्राप्त किया और समाज सेवा के महत्व को समझा।

न्यायिक सेवा और व्यक्तिगत अनुभव

जस्टिस दास का न्यायिक करियर उल्लेखनीय रहा है, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली फैसले दिए हैं। उनके द्वारा किए गए निर्णयों में उन्होंने न्यायिक दृष्टिकोण की गंभीरता और निष्पक्षता को सदैव प्राथमिकता दी है। न्यायिक सेवा के दौरान, उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

जस्टिस दास ने अपने करियर में कई चर्चित मामलों का निपटारा किया, जिनमें उनके फैसले ने समाज पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने सामाजिक न्याय और मानव अधिकारों को संरक्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले दिए। इन फैसलों में महिलाओं के अधिकार, बाल श्रम, और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर उनकी निर्णयात्मकता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

न्यायिक क्षेत्र में जस्टिस दास की भूमिका केवल फैसले देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने न्यायिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए भी कई सुधारात्मक कदम उठाए। उनके न्यायिक दृष्टिकोण में समाज के सभी वर्गों के प्रति समानता और निष्पक्षता का भाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

सेवानिवृत्ति के बाद के अपने योजनाओं के बारे में बताते हुए जस्टिस दास ने कहा कि वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहना चाहते हैं। वे न्यायिक सेवा के दौरान प्राप्त अनुभवों का उपयोग सामाजिक सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में करना चाहते हैं। इसके अलावा, वे उन मुद्दों पर भी काम करना चाहते हैं जिनके लिए उन्होंने अपने न्यायिक करियर में संघर्ष किया है।

जस्टिस दास का न्यायिक करियर और उनके व्यक्तिगत अनुभव न्यायपालिका में उनके योगदान को दर्शाते हैं। उनकी निष्पक्षता, दृढ़ता, और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके करियर की विशेषताएं रही हैं, जो उन्हें एक आदर्श न्यायाधीश बनाती हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

wpChatIcon
wpChatIcon