उज्जवल दुनिया संवाददाता, चरही(हजारीबाग)। चरही थाना अंतर्गत तापिन साउथ परियोजना के समीप गुरुवार को हाइड्रा पलटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक संजय कुमार (40) बताया जा रहा है।
वह मूल रूप से गोड्डा जिले के पहाड़पुर का रहने वाला था। वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ कुजू के डटमा मोड़ में रहता था।
संजय कुमार 15-20 वर्षों से इधर ही काम करता था। कुछ साल पहले ही उसने एक हाइड्रा लिया था।
शुक्रवार की सुबह संजय कुमार चालक के साथ हाइड्रा जेएच-05-बिवाई-1165 को लेकर तापिन साउथ के समीप पलटा हुआ हाइवा जेएच-02एएस-1515 को निकालने पहुंचा था।
दरअसल तापिन साउथ से कोयला लादकर ले जा रहा एक हाइवा गुरुवार की रात को पलट गया था।
हाइवा को निकालने में संजय खुद खड़े होकर हाइड्रा ऑपरेटर को मदद कर रहा था।
इतने में हाइड्रा का संतुलन बिगड़ गया और हाइड्रा भी पलट गया। इसी दौरान संजय भारी भरकम हाइड्रा के नीचे आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के तुरंत बाद उसके शव को पुलिस ने अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी में गई जान, आए दिन होती है दुर्घटना
हजारीबाग क्षेत्र अंतर्गत सीसीएल से संचालित परियोजनाओं में सुरक्षा को लेकर घोर लापरवाही बरती जाती है।
झारखंड, परेज, तापिन साउथ, और तापिन नॉर्थ परियोजनाओं से चरही रेलवे कोल शेड तक चलने वाले हाइवा के लिए सीसीएल की ओर से कोई भी वैकल्पिक सड़क नहीं बनाई गई है।
इस कारण सीसीएल की ट्रांसपोर्टिंग गाड़ियां चरही घाटोटांड़ होते हुए एनएच-33 से चरही रेलवे शेड तक पहुंचती है।
इस बीच कई घनी आबादी वाले इलाकों से गाड़ियां गुजरती हैं।
लगभग सभी हाइवा ज्यादा से ज्यादा चक्कर लगाने के लिए लोड कोयले को बिना ढके ही गति सीमा से अधिक तेजी से चलते हैं।
इससे धूलकण तो उड़ते ही हैं, कई बार राहगीरों पर भी कोयले का टुकड़ा गिरने का खतरा बना रहता है।
यही नहीं सीसीएल की ट्रांसपोर्टिंग में चलने वाले ज्यादातर हाइवा के चालकों के पास ट्रक चलाने का वैध लाइसेंस भी नहीं हैं।
इन क्षेत्रों में आए दिन इन वाहनों से सड़क हादसों में किसी न किसी मौत होती रहती है।
क्षेत्र के लोग इसका जिम्मेदार सीसीएल को मानते हैं।
उनका कहना है कि अगर सीसीएल सुरक्षा मानकों का सही से पालन करवाए, तो क्षेत्र में सड़क हादसा नहीं के बराबर होगा।