Tuesday 1st of July 2025 12:36:16 PM
HomeBreaking Newsहोलिका दहन का दिन बना मनहूस! जहानाबाद में सड़क हादसे में युवक...

होलिका दहन का दिन बना मनहूस! जहानाबाद में सड़क हादसे में युवक की मौत, कई घायल

बिहार के जहानाबाद में होलिका दहन के जश्न से पहले का दिन मातम में बदल गया, जब जिले में अलग-अलग जगहों पर कई भीषण सड़क हादसे हुए। तेज रफ्तार, लापरवाही और शराब के नशे ने इस पर्व को खौफनाक बना दिया। हादसों में एक युवक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।

सड़क पर बिखरा खून, चीख-पुकार से गूंजा अस्पताल

पहला भीषण हादसा टेहटा थाना क्षेत्र के सेरथुआ मोड़ के पास हुआ, जहां दो तेज रफ्तार बाइकों की आमने-सामने भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि सड़क पर खून फैल गया और बाइक के टुकड़े दूर तक बिखर गए। मौके पर चीख-पुकार मच गई। मृतक युवक की पहचान काको थाना क्षेत्र के बंधु बिगहा गांव निवासी राकेश कुमार के रूप में हुई।

शकुराबाद और काको में भीषण टक्कर, जिंदगियां अधर में

दूसरा हादसा शकुराबाद थाना क्षेत्र के चगोड़ी गांव के पास हुआ, जहां दो बाइकों की टक्कर में तीन युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक की हालत इतनी नाजुक थी कि उसे तुरंत पीएमसीएच रेफर करना पड़ा।

इसी तरह, काको थाना क्षेत्र के सुखदेव बिगहा गांव के पास एक ऑटो और बाइक की टक्कर में दो लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेज गति और लापरवाही ही इन सभी घटनाओं की वजह बनी।

त्योहारों पर सड़क सुरक्षा के लिए कितने तैयार हैं हम?

इन दर्दनाक हादसों ने एक बार फिर बिहार की सड़क सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक नियमों के पालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर त्योहारों के दौरान लोग तेज गति, नशे और लापरवाही से वाहन चलाते हैं, जिससे सड़कें मौत का जाल बन जाती हैं।

डॉक्टरों ने बताया कि घायलों में से कई शराब के नशे में थे, जिससे उनका इलाज भी मुश्किल हो रहा है। यह साफ दर्शाता है कि होली और अन्य बड़े पर्वों पर ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। सख्त चेकिंग, हेलमेट और सीटबेल्ट की अनिवार्यता, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर सख्त कार्रवाई और ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन ही इन हादसों को रोक सकता है।

अब भी नहीं सुधरे तो कब?

यह सिर्फ जहानाबाद या बिहार की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे देश में त्योहारों के दौरान सड़क हादसे आम हो गए हैं। सरकार और प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे, लेकिन इसके साथ ही लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। सड़क पर सुरक्षित चलना केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि अपनी और दूसरों की जिंदगी की रक्षा करना है।

क्या हम अपने त्योहारों को जश्न की जगह मातम में बदलते रहेंगे, या अब सचेत होकर सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लेंगे?

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments