हेमंत सोरेन की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है। उन्हें राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के साथ अदालत में न्यायिक हिरासत की अवधि 21 मार्च तक बढ़ा दी गई है। यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया में उनके खिलाफ चल रहे मामलों के संबंध में हुआ है।
हेमंत सोरेन एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं और झारखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें अनेकों मामलों में न्यायिक हिरासत में रखा गया है, जिसमें उनके बापा शिबू सोरेन के खिलाफ चल रहे एक आपराधिक मामला भी शामिल है।
हाल के दिनों में, हेमंत सोरेन की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का फैसला आया है। उन्हें राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के साथ अदालत में न्यायिक हिरासत की अवधि 21 मार्च तक बढ़ा दी गई है। इस फैसले का प्रमुख कारण है कि उनके खिलाफ चल रहे मामलों की समीक्षा के लिए अधिक समय की आवश्यकता है।
हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रहे मामलों में एक मुख्य आपराधिक मामला शामिल है, जिसमें उन्हें अपराधित ठहराया जा रहा है। इस मामले में उनके बापा शिबू सोरेन भी शामिल हैं, जो झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यह मामला लंबे समय से चल रहा है और न्यायिक प्रक्रिया के दौरान नई सूचनाएं और सबूत प्रस्तुत किए गए हैं।
हेमंत सोरेन ने अपनी न्यायिक हिरासत के खिलाफ अपील की है, जिसे अदालत ने सुनवाई के लिए 21 मार्च तक बढ़ा दिया है। इस दौरान, उन्हें राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के साथ न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इस फैसले के बाद, हेमंत सोरेन की न्यायिक हिरासत की अवधि के बारे में नई तारीखें तय की जाएंगी।
यह फैसला हेमंत सोरेन के लिए एक बड़ी झटका है, क्योंकि उन्हें अपनी न्यायिक हिरासत की अवधि में और देरी हो गई है। इसके अलावा, इस फैसले के बाद उन्हें राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के साथ न्यायिक हिरासत में रहना होगा, जो उनके लिए और भी मुश्किलें पैदा कर सकता है।
इस तरह, हेमंत सोरेन को न्यायिक हिरासत में नहीं मिली राहत और कोर्ट ने राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद को भी झटका दिया है। यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया में उनके खिलाफ चल रहे मामलों के संबंध में हुआ है और इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत की अवधि के बारे में नई तारीखें तय की जाएंगी।