नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई हिस्सों में बीते कुछ घंटों में तेज़ बारिश, गरज-चमक के साथ आंधी और ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है। राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर सहित कई इलाकों में मौसम ने करवट ली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में भी इसी तरह के मौसम की चेतावनी जारी की है।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने और चक्रवाती परिसंचरण के कारण यह असामान्य मौसम बना हुआ है, जिससे एक ओर जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर फसलों और ढांचागत सुविधाओं को नुकसान पहुंचने की आशंका भी बढ़ गई है।
राजस्थान में राहत की बारिश:
बीते कुछ हफ्तों से देश का सबसे गर्म राज्य बना राजस्थान अब तेज बारिश और ओलों की चपेट में है। जोधपुर, जयपुर, कोटा, बीकानेर, भरतपुर, उदयपुर और अजमेर जैसे जिलों में 50–60 किमी/घंटा की रफ्तार से आंधी के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई। इससे तापमान में अचानक गिरावट आई और लू से राहत मिली। शनिवार को कई जिलों में अनसीज़नल ओलावृष्टि ने जनजीवन को प्रभावित किया। हालांकि चित्तौड़गढ़ में 43°C दर्ज किया गया, वहीं फालोदी में रात का न्यूनतम तापमान 31.8°C रहा। अगले कुछ दिनों के लिए 11 जिलों में IMD ने भारी बारिश और आंधी की चेतावनी दी है।
अन्य राज्यों में भी असर:
आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के कुछ हिस्सों में तेज़ आंधी, बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, विदर्भ, तेलंगाना और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि की संभावना है।
सावधानी जरूरी:
हालांकि बारिश ने गर्मी से राहत दी है, परंतु ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं से फसल और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंच सकता है। बिजली गिरने के दौरान खुले में न जाने और मौसम से संबंधित आधिकारिक अलर्ट पर नजर बनाए रखने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार यह अस्थिर मौसम सप्ताहभर बना रह सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते जलवायु परिवर्तन के चलते मानसून पूर्व इस तरह की अस्थिरता अब आम होती जा रही है।