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स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यकाल समाप्त होने से दो वर्ष पहले दिया इस्तीफा

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम को एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने पत्र में “स्वास्थ्य कारणों” का हवाला दिया और राष्ट्रपति को सूचित किया कि वे तत्काल प्रभाव से पद त्याग रहे हैं। यह कदम तब आया जब संसद का मॉनसून सत्र प्रारंभ ही हुआ था, और उन्होंने उसी दिन राज्यसभा की अध्यक्षता भी की थी।


📌 मुख्य रिपोर्ट (Main Body in Hindi):

नई दिल्ली: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, 74 वर्ष, ने 21 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपते हुए कहा:

“स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने हेतु, मैं तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”

धनखड़ ने यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत दिया है। उनका कार्यकाल अगस्त 2022 से शुरू होकर अगस्त 2027 तक चलना था, लेकिन उन्होंने दो वर्ष पहले ही पद त्याग दिया।


🏛️ राजनीतिक हलचल और परिस्थितियाँ

इस्तीफे के कुछ घंटे पहले ही धनखड़ ने राज्यसभा में नवनिर्वाचित और मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाई और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाया गया नोटिस भी उन्होंने सदन में प्रस्तुत किया और उसे आवश्यक कार्रवाई के लिए सचिवालय को सौंपा।

धनखड़ की यह कार्यवाही कई राजनीतिक विश्लेषकों को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि यह सिर्फ स्वास्थ्य कारणों तक सीमित नहीं है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे “चौंकाने वाला और अस्पष्ट” बताया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा:

“उपराष्ट्रपति का यह अचानक इस्तीफा न केवल अप्रत्याशित है, बल्कि इसमें शायद कुछ और भी है जो सार्वजनिक नहीं हुआ।”


⚕️ स्वास्थ्य कारण व पूर्व चिकित्सा पृष्ठभूमि

धनखड़ ने मार्च 2025 में एम्स, दिल्ली में एंजियोप्लास्टी करवाई थी और कुछ दिनों तक भर्ती भी रहे थे। यद्यपि कई सार्वजनिक आयोजनों में वे उत्साही दिखे, लेकिन स्वास्थ्य समस्याएं स्पष्ट थीं।


📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

वे भारत के तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल समाप्त होने से पहले इस्तीफा दिया। इससे पहले:

  • वीवी गिरि (1969) — राष्ट्रपति चुनाव लड़ने हेतु

  • आर वेंकटरमण (1987) — राष्ट्रपति बनने हेतु

धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय में आया जब संसद में सरकार और विपक्ष के बीच न्यायपालिका व भ्रष्टाचार से जुड़े विषयों पर टकराव गहराता दिख रहा था।


🗳️ आगे क्या होगा?

भारत के संविधान के अनुसार:

  • राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह अब सदन की कार्यवाही देखेंगे।

  • छह माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक है।

  • नया उपराष्ट्रपति पूर्ण पाँच वर्ष का कार्यकाल संभालेगा।


🧾 धनखड़ का विदाई संदेश

धनखड़ ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और सभी सांसदों का आभार जताते हुए कहा:

“भारत की ऐतिहासिक प्रगति और वैश्विक उत्थान का साक्षी बनना मेरे लिए गौरव की बात रही। यह कालखंड भारत के उत्थान का युग है, और मुझे भविष्य के लिए अपार विश्वास है।”

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