उज्ज्वल दुनिया, हजारीबाग(अजय निराला)। सदर विधायक मनीष जायसवाल ने दिल्ली में मंगलवार की देर शाम केंद्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की।
उन्होंने हजारीबाग क्षेत्र के किसानों और उद्यमियों के विकास और बेरोजगार युवाओं के रोजगार सृजन की दिशा में उनसे लंबी चर्चा की।
विधायक ने इथेनॉल ब्लेडिंग के बारे में विभाग से संचालित योजनाओं की विशेष जानकारी प्राप्त की।
वहीं हजारीबाग सहित झारखंड के कृषि परिदृश्य को उनके समक्ष रखते हुए इस क्षेत्र में विशेष ध्यान आकृष्ट करने का आग्रह किया।
उन्होंने मंत्री कोे बताया कि हजारीबाग सहित समस्त झारखंड के किसानों का मुख्य व्यवसाय धान की खेती है।
लेकिन किसान इसमें भी बिचौलिए का शिकार हो जाते हैं।
मक्के की फसल को उन्होंने लाभकारी बताते हुए कहा कि धान की तुलना में यह फसल किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद है।
उन्होंने प्रस्ताव रखा कि इथेनॉल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी अगर किसानों से सीधा मक्के की फसल ले, तो किसानों की निर्भरता सरकार से खत्म हो जाएगी।
साथ ही इसके वेस्ट को कैटल फीड, फिश फीड आदि के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जो एक प्रोटीन रिच प्रोडक्ट होता है।
जानिए क्या है इथेनॉल और कैसे होता है तैयार
विधायक मनीष जायसवाल ने बताया कि इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल होता है, जिसे पेट्रोल में मिलाया जाता है और फिर वाहनों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसका उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है। इसके अलावा इथेनॉल का उत्पादन मक्का, चावल आदि शर्करा वाली अन्य फसलों से भी किया जा सकता है।
इथेनॉल पर्यावरण के लिए बहुत अनुकूल है। यह प्रदूषण कम करता है क्योंकि इसके इस्तेमाल से 35 प्रतिशत कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है।
यह सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को कम करता है। इसमें 35 प्रतिशत ऑक्सीजन होता है।
इथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाल करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है।
केंद्र सरकार देश में इथेनॉल का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सस्ती दरों पर लोन दे रही है।
बीते कुछ महीनों कई इथेनॉल प्लांट को मंजूरी मिली है।
इथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और आम आदमी को भी फायदा होगा।