एक अधिकारी ने बताया, “इन ट्रेनों के स्टॉपेज की संख्या अच्छी-खासी होगी और इन्हें ऐसी जगह पर बनाया जाएगा जहां ज्यादा से ज्यादा लोग आसानी से पहुंच सकें। इन वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों में 12 कोच होंगे।
एसी वाली इन ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। अनारक्षित कैटेगरी के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को यात्रा का मौका दिया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि, “इन ट्रेनों के स्टॉपेज की संख्या अच्छी-खासी होगी और इन्हें ऐसी जगह पर बनाया जाएगा जहां ज्यादा से ज्यादा लोग आसानी से पहुंच सकें। इन वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों में 12 कोच होंगे। इन दरवाजे सीट की ओर होंगे और ऑटोमैटिक तरीके से काम करेंगे। कई सारे यात्रियों के खड़े होने की भी जगह होगी। अगर जरूरत पड़ती है तो इनके कोच बढ़ाए जा सकते हैं। ऐसा अनुमान है कि कोच की संख्या 12 से बढ़ाकर 16 तक हो सकती है।
मुंबई लोकल ट्रेन की जगह वंदे भारत मेट्रो
मुंबई की लोकल ट्रेनों को अगले 3-4 साल के भीतर वंदे भारत मेट्रो ट्रेन सेट से बदल दिया जाएगा। इससे मुंबई के रेगुलर यात्रियों को मेट्रो की तर्ज पर वातानुकूलित और स्वचालित गेट वाली सुरक्षित सेवा मिलेगी। रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कपूरथला स्थिति रेल कोच फैक्ट्री में वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का पहला रैक करीब-करीब तैयार है और अगले महीने परीक्षण के लिए बाहर आएगा। वंदे भारत मेट्रो के 50 रैक बनने के बाद 400 और रैक के निर्माण का ऑर्डर दिया जाएगा। देश के 12 बड़े और मझोले नगरों के बीच वंदे भारत मेट्रो से दैनिक यात्रा की सुविधा मिलेगी। यह अत्यंत तीव्रता से गति पकड़ने और तेजी से रुकने वाली गाड़ी होगी जिसे औसतन 100 किलोमीटर की दूरी वाले दो प्रमुख स्टेशनों के बीच कई फेरों चलाने की योजना है।