★राज्य गठन के बाद से वन क्षेत्र में 1625 स्क्वायर किमी की वृद्धि
★राज्य का 34 % क्षेत्र वनाच्छादित
★2021 में 1 करोड़ 65 लाख पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित
★वन महोत्सव के दिन पूरे राज्य में लगेंगे 5 लाख पौधे
★खाली सरकारी भूमि पर पौधा रोपण किया जाएगा
★वन विभाग लोगों के बीच फलदार पौधों का वितरण करे
रांची । झारखण्ड का सम्मान यहां के जंगल, पहाड़ और नदियां हैं। अगर ये समाप्त हुए तो राज्य का सम्मान स्वतः समाप्त हो जाएगा। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री वन, पर्यावरण एवं जलवायु विभाग द्वारा गांधीग्राम, महेशपुर अनगड़ा में आयोजित 72वां वन महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा विकास के नाम पर पहाड़ और खदान खोदे जा रहें हैं। जंगल उजड़ रहें आधारभूत संरचना और उद्योग के लिए। इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है।
पानी का संरक्षण भी जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव का सृजन पानी के इर्दगिर्द हुआ है। यह विकास के मार्ग को भी प्रशस्त करता है। जल कई युगों तक हमें संभाल सकता है। रांची में कई बड़े तालाब और डैम हैं। लेकिन ऐसे जगहों पर बन रहे कंक्रीट के जंगल अच्छा संकेत नहीं दे रहे हैं। इन जलाशयों के संरक्षण के प्रति हम गंभीर नहीं हुए तो गंभीर परिणाम देखने को मिल सकता है।
खाली भूमि पर पौधा लगाएं
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकारी खाली भूमि पर पौधरोपण का कार्य करें। साथ ही, वन विभाग लोगों के बीच फलदार पौधा का वितरण करे। ताकि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सकें।