नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में संघीय बजट 2025-26 प्रस्तुत किया। इस बजट का मुख्य फोकस समावेशी विकास, बुनियादी ढांचे के विस्तार और कर सुधारों पर रहा। सरकार का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में संतुलित वृद्धि सुनिश्चित करना, उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और मध्य वर्ग को सशक्त बनाना है, साथ ही कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को मजबूत करना भी इसमें शामिल है।
संघीय बजट 2025 की प्रमुख घोषणाएँ:
1. बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर
सरकार बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देते हुए संपर्क सुविधाओं को बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि को गति देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
🔹 IITs का विस्तार: सरकार पांच IITs, विशेष रूप से IIT पटना में बुनियादी ढांचे का विस्तार करेगी ताकि अधिक छात्रों को समायोजित किया जा सके।
🔹 क्षेत्रीय संपर्क (UDAN योजना): संशोधित उड़ान योजना के तहत 120 नए गंतव्य जोड़े जाएंगे, जिससे अगले 10 वर्षों में चार करोड़ से अधिक यात्रियों को लाभ होगा। विशेष रूप से पर्वतीय, आकांक्षी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में छोटे हवाई अड्डों के विकास को भी समर्थन दिया जाएगा।
🔹 बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे: बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, साथ ही पटना हवाई अड्डे और बिहटा में ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे के विस्तार की योजना भी बनाई गई है।
2. डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवाचार
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने टेक्नोलॉजी, नवाचार और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं।
🔹 स्टार्टअप्स को कर राहत: वित्त मंत्री ने स्टार्टअप्स के लिए ₹10,000 करोड़ के नए फंड ऑफ फंड की घोषणा की। स्टार्टअप्स के लिए पंजीकरण की अवधि को पाँच वर्ष तक बढ़ा दिया गया है।
🔹 MSME को अधिक सहयोग: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ऋण कवरेज को ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ कर दिया है। MSMEs विनिर्माण क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
3. सरल कर प्रणाली के लिए कर सुधार
सरकार एक अधिक सरल और पारदर्शी कर प्रणाली बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे करदाताओं को राहत मिलेगी।
(आगे के कर सुधारों की घोषणा का विवरण बजट पेश होने के साथ अद्यतन किया जाएगा।)
4. स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर
सरकार सतत आर्थिक विकास के लिए एक स्वस्थ और शिक्षित आबादी की आवश्यकता को मान्यता देती है।
✅ मेडिकल कॉलेज सीटों का विस्तार: अगले वर्ष में 10,000 नई मेडिकल कॉलेज सीटें जोड़ी जाएंगी, जबकि अगले पाँच वर्षों में 75,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
✅ डेकेयर कैंसर सेंटर: अगले तीन वर्षों में जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे ताकि कैंसर उपचार को अधिक सुलभ बनाया जा सके।
5. किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए समर्थन
कृषि क्षेत्र सरकार की प्राथमिकताओं में बना हुआ है, जिसमें उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को समर्थन देने के लिए कई योजनाएँ शामिल हैं।
➡️ मखाना बोर्ड, बिहार: मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को सुधारने के लिए एक नया बोर्ड स्थापित किया जाएगा, जिससे बिहार के किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
➡️ पीएम धन-धान्य कृषि योजना: कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके तहत पंचायत स्तर पर भंडारण क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।
➡️ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ी: किसानों को अधिक सुलभ ऋण देने के लिए KCC की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है।
6. हरित विकास और जलवायु कार्रवाई
इस बजट में पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कई ग्रीन पहल की गई हैं।
♻️ इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इन्फ्रास्ट्रक्चर: ईवी बैटरी निर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) में छूट दी जाएगी, जिससे भारत के ईवी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
⚡ न्यूक्लियर एनर्जी क्षमता: 2047 तक भारत 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा विकसित करने की योजना बना रहा है, जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बदलाव का एक महत्वपूर्ण कदम है।
7. सामाजिक कल्याण योजनाओं को मजबूत करना
सरकार हाशिए पर मौजूद समुदायों को प्रत्यक्ष लाभकारी योजनाओं के माध्यम से समर्थन देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
🔹 गिग वर्कर्स की पहचान: एक करोड़ गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल के तहत पहचान पत्र और पंजीकरण संख्या मिलेगी, जिससे उनके अधिकार और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
🔹 SC/ST महिला उद्यमिता योजना: अनुसूचित जाति/जनजाति की पाँच लाख महिलाओं को अगले पाँच वर्षों में ₹2 करोड़ तक के टर्म लोन देकर उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा।
8. विदेशी निवेश और व्यापार
भारत को एक वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने के लिए सरकार ने विदेशी निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के कई उपाय किए हैं।
🌍 बीमा क्षेत्र में एफडीआई: बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी जाएगी, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
📈 निर्यात संवर्धन मिशन: निर्यात प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और निर्यातकों को ऋण तक बेहतर पहुंच प्रदान करने के लिए एक नया निर्यात संवर्धन मिशन स्थापित किया जाएगा।
9. बजट अनुमान (वित्त वर्ष 2025-26)
📊 कुल प्राप्तियाँ (ऋण को छोड़कर): ₹34.96 लाख करोड़
📊 कुल व्यय: ₹50.65 लाख करोड़
➡️ सरकार का उद्देश्य वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए समावेशी विकास को गति देना है।