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विशेष साक्षात्कार: पाकिस्तान की किसी भी जवाबी कार्रवाई से निपटने में सक्षम है भारत – सेवानिवृत्त एयर मार्शल पत्नायक

भुवनेश्वर/हैदराबाद: पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की निर्मम हत्या के बाद देश भर में आक्रोश और बदले की भावना थी। प्रधानमंत्री की यह बात कि “हर भारतीय की मौत का बदला लिया जाएगा”, लोगों के मन में विश्वास का आधार बनी रही। 6 और 7 मई की रात को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर लगभग 100 आतंकियों को ढेर कर दिया।

अब सवाल उठता है — आगे क्या होगा? इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की कस्तूरी राय ने बात की सेवानिवृत्त एयर मार्शल दिलीप कुमार पत्नायक से, जो भारत की वायु शक्ति रणनीति के सबसे तेज दिमागों में से एक माने जाते हैं।

उन्होंने कहा, “तनाव आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है यदि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करता है। पाकिस्तान एक दुष्ट राष्ट्र है और वह बदला जरूर लेगा — कब और कैसे, यह कहना कठिन है। लेकिन भारत हर तरह से तैयार है।

एयर मार्शल पत्नायक ने बताया कि भारत ने 22 अप्रैल को हुए हमले के तुरंत बाद से ही इस जवाबी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी थी।

भारत की क्षमता पर विश्वास

“भारत और पाकिस्तान की क्षमताओं की कोई तुलना नहीं की जा सकती। भारत कहीं अधिक सक्षम और शक्तिशाली है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पाकिस्तान चुप बैठेगा। यह एक ऐसा देश है जो अपने नागरिकों की भी परवाह नहीं करता। वरना वह आतंकवादियों को पनाह क्यों देता?” — पत्नायक ने कहा।

ऑपरेशन सिंदूर की योजना

उन्होंने बताया कि इस तरह के बड़े सैन्य अभियानों की योजना में समय, परिशुद्धता और समन्वय की आवश्यकता होती है। “हमारी सेवा में शुरू से लेकर सेवानिवृत्ति तक हमें सटीक योजना बनाना सिखाया जाता है। कई स्तर की योजना होती है — प्लान A, B, C और आपातकालीन योजना। आम नागरिकों को यह समझना कठिन हो सकता है कि इन अभियानों में समय क्यों लगता है।”

तकनीक और सटीकता

“हमारे पास एआई, सॉफ्टवेयर और अन्य उन्नत उपकरण हैं जो हमले की योजना बनाने में मदद करते हैं। सैकड़ों किलोमीटर पार जाकर एक साथ कई ठिकानों पर हमला करना आसान नहीं होता। यह पहले के मुकाबले बहुत अलग समय है।”

उन्होंने एक उदाहरण देकर कहा, “अगर खराब मौसम के कारण कोई विमान नहीं उतरता, तो आम यात्री इसे नहीं समझ पाएगा, लेकिन एविएशन विशेषज्ञ जानते हैं। वैसे ही नागरिकों को हमारे योजनाकारों पर भरोसा करना चाहिए। देश सुरक्षित हाथों में है।”

बालाकोट और उरी से कैसे अलग है ऑपरेशन सिंदूर?

“इस बार हमारे पास राफेल, S-400 और अत्याधुनिक हथियार हैं। पहले ऐसा नहीं था। 2014 के बाद से जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने सेना को आधुनिक उपकरणों से लैस किया है। आज हमारी सेना किसी भी आतंकवादी या बाहरी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।”

वीरता का इतिहास

1999 के करगिल युद्ध के दौरान मुन्थो ढालो हमले में, तत्कालीन स्क्वाड्रन लीडर पत्नायक ने दुश्मन के सबसे बड़े शिविर पर हमला कर उसे नष्ट किया।
27-28 जून 1999 की रात, उन्होंने टाइगर हिल पर पहली नाइट लेजर गाइडेड बम स्ट्राइक की, जिससे सेना को चोटी पर कब्जा करने में मदद मिली।
ऑपरेशन रक्षक के दौरान उन्होंने 27 मिशन, जिनमें 9 लाइव बमबारी उड़ानें शामिल थीं, पूरी कीं। इसके लिए उन्हें वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया।

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