झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने नई दिल्ली के ताज मानसिंह होटल में चल रहे निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि झारखण्ड के पास उद्योगों के लिए जमीन की कमी नहीं है, हमारे पास मेहनती और सस्ता लेबर है, हम मइन्स और मिनरल से आगे सोचना चाहते हैं। हमने पर्यटन, इलेक्ट्रिक विह्कल्स, पावर, टेक्सटाइल्स जैसे क्षेत्रों को चुना है, आप हमें सुझाव दें, हम लोगों की भलाई को देखते हुए आपके सुझावों पर अमल करेंगे ।
इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में झारखण्ड सरकार की रुचि
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने आपको प्रजेंटेशन देकर दिखाया कि झारखण्ड में आगे बढ़ने की कितनी क्षमता है । दुर्भाग्य से हमें सिर्फ खनन, कोयला और लोहे के अयस्क वाला ही राज्य समझा गया। पिछले बीस सालों में पॉलिसी भी इन्ही के इर्द-गिर्द बनाई गई। लेकिन हमें पता है कि झारखण्ड पर्यटन के क्षेत्र में कमाल कर सकता है । हम भी पुणे, कोटा और बैंगलुरु की तरह एजुकेशब हब बनना चाहते हैं। हमें पता है कि इलेक्ट्रिक विह्कल्स भविष्य में बहुत विस्तार पाने वाला है, क्यों न हम झारखण्ड में भारत का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहनों का प्लांट लगाएं। टाटा कंपनी जहां पहले से काम कर रही है, उसके ठीक बगल में आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में हम सारी सुविधाएं दे रहे हैं, आपकी जो भी जरुरत हो वो बताएं, हम उसे मुहैया कराएंगे। आप सिर्फ आइए और झारखण्ड में निवेश किजिए।
हम सड़क, जल मार्ग और आकाश से पूरे देश से जुड़े हैं, कनेक्टिविटी समस्या नहीं
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड सड़क, रेलवे, हवाई मार्ग और जल निकायों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। हमारे पास प्लास्टिक, टेक्सटाइल, पावर जेनरेशन जैसे उद्योग हैं। हमें झारखण्ड की इसकी विशाल खनिज संपदा को नहीं भूलना चाहिए। हमारे पास मूल निवासियों के ईमानदार आचरण की पूंजी है। झारखण्ड के कुशल और सस्ते कार्यबल का दोहन करना आसान है ।
झारखण्ड ने एचईसी, टाटा, बोकारो जैसी कंपनियों को जगह दी, ऐसा कोई कारण नहीं कि दूसरे लोगों का ग्रोथ नहीं होगा
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखण्ड में एचईसी जैसा प्लांट पिछले 50-60 सालों से काम कर रहा है। हमारे यहगां बोकारो स्टील प्लांट है, टाटा जैसी प्राइवेट कंपनियां पिछले 100 सालों से काम कर रही है। ऐसा कोई कारण नहीं कि जो दूसरे उद्योगपति निवेश करेंगे, उनको रिटर्न नहीं मिलेगा। इलेक्ट्रो स्टील, वेदांता जैसे बड़े निवेशक सफलता से अपना प्लांट चला रहे हैं. जमशेदपुर और आसपास का इलाका तो वैसे भी इंडस्ट्रियल हब है।