नई दिल्ली: भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूती देने और घरेलू एयरोस्पेस उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) कार्यक्रम के कार्यकारी मॉडल को मंजूरी दे दी है।
एयरनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) इस कार्यक्रम को औद्योगिक साझेदारी के माध्यम से क्रियान्वित करेगी। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।
AMCA क्या है?
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यह एक पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ लड़ाकू विमान है जिसे भारतीय वायुसेना के लिए विकसित किया जाएगा।
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इसमें गहराई तक घुसकर हमले करने की क्षमता होगी और यह रेडार से बचकर हमला कर सकेगा।
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इसका वजन लगभग 25 टन होगा और यह 55,000 फीट तक उड़ान भर सकेगा।
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यह दो इंजनों वाला विमान होगा जिसे एक पायलट संचालित करेगा।
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इसमें 6 टन तक हथियार ले जाने की क्षमता होगी जिनमें मिसाइलें, बम और रॉकेट शामिल होंगे।
AMCA कार्यक्रम का कार्यान्वयन मॉडल
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रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह मॉडल निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को समान अवसर देगा।
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कंपनियाँ स्वतंत्र रूप से, संयुक्त उद्यम या कंसोर्टियम के रूप में बोली लगा सकती हैं।
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बोली लगाने वाली इकाई एक भारतीय कंपनी होनी चाहिए जो भारत के कानूनों का पालन करती हो।
🇮🇳 ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक और कदम
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मंत्रालय ने कहा, “यह AMCA प्रोटोटाइप विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और एयरोस्पेस सेक्टर में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर होगा।”
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पहली AMCA प्रोटोटाइप 2028 तक आने की संभावना है और 2034 तक 18 लड़ाकू विमान बनकर वायुसेना में शामिल किए जाएंगे।
AMCA परियोजना की लागत और पृष्ठभूमि
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इस परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत लगभग ₹15,000 करोड़ अनुमानित है।
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पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
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LCA तेजस की सफलता के बाद भारत की आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई और AMCA की दिशा में तेजी से काम हुआ।
तकनीकी खूबियाँ और रणनीतिक क्षमताएँ
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AMCA दुश्मन के कंप्यूटर निगरानी सिस्टम को निष्क्रिय कर सकता है जिससे उनकी सुरक्षा प्रणाली असक्षम हो जाती है।
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इसे अत्याधुनिक सटीक हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि भारत की वायु शक्ति को आधुनिक युद्धों में बढ़त मिल सके।