रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मंगलवार को आपदा प्रबंधन विभाग ने एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस मॉक ड्रिल में भूकंप के झटकों का अहसास कराया गया, जिसके बाद CISF और NDRF की टीमों ने तत्परता दिखाते हुए यात्रियों को सुरक्षित निकाला।
क्या हुआ मॉक ड्रिल में:
- भूकंप के झटके: मॉक ड्रिल के दौरान एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल भवन में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
- अलार्म और कार्रवाई: अलार्म बजते ही CISF के जवान और अधिकारी हरकत में आ गए और यात्रियों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया शुरू की।
- यात्रियों को निकाला गया: CISF के जवानों ने टर्मिनल भवन में मौजूद यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
- घायलों को अस्पताल भेजा गया: मॉक ड्रिल में कुछ यात्री बेहोश हो गए, जिन्हें स्ट्रेचर के माध्यम से बाहर निकालकर अस्पताल भेजा गया।
- बिल्डिंग गिरने का दृश्य: मॉक ड्रिल में एक बिल्डिंग के भूकंप के झटके से गिरने का दृश्य भी दिखाया गया।
- NDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन: NDRF की टीम ने कटर मशीन से बिल्डिंग की दीवार काटकर मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकाला।
- अग्निशमन का प्रदर्शन: मॉक ड्रिल में अग्निशमन यंत्रों के माध्यम से आग पर काबू पाने का भी प्रदर्शन किया गया।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
- उत्कर्ष कुमार (अनुमंडल पदाधिकारी): उन्होंने बताया कि यह मॉक ड्रिल आपदा प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोजित किया गया था।
- मनीष (CISF कमांडेंट): उन्होंने कहा कि CISF किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार है और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर काम करेगा।
उपस्थिति:
इस मॉक ड्रिल में एयरपोर्ट निदेशक आरआर मौर्या, CISF के अधिकारी, जवान, NDRF की टीम और अन्य अधिकारी मौजूद थे।