Thursday, March 28, 2024
HomeBreaking Newsसरकार की उदासीनता के कारण पंचायतों में विकास कार्य ठप: कुणाल षाड़ंगी

सरकार की उदासीनता के कारण पंचायतों में विकास कार्य ठप: कुणाल षाड़ंगी

योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विभाग के राज्य स्तरीय पदाधिकारियों अपने लिए ज़्यादा कमीशन का मॉडल तय नहीं कर नहीं पा रहे है इसलिए हो रही है देरी
योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विभाग के राज्य स्तरीय पदाधिकारियों अपने लिए ज़्यादा कमीशन का मॉडल तय नहीं कर नहीं पा रहे है इसलिए हो रही है देरी

बीजेपी प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने झारखंड की हेमंत सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पंचायतों को दूसरी बार छह माह या अगले चुनाव तक एक्सटेंशन देने के लिए अध्यादेश की मंजूरी तो दी है, पर अब तक पंचायती राज व्यवस्था के संचालन की नियमावली पर कोई फैसला नहीं होने के कारण पंचायतों में असमंजस की स्थिति बरकरार है. पंचायती राज विभाग ने मंतव्य हेतु फ़ाईल विधि विभाग के पास भेजी है मगर वहाँ से अब तक कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं मिला है।

उन्होने कहा कि राज्य सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण राज्य की ग्राम पंचायतों में विकास योजनाएँ लटक गई हैं। स्पष्ट विभागीय आदेश के अभाव में 14वें वित्त आयोग की भी बड़ी राशि अभी तक उपयोग नहीं हो पाई है। राज्य में 4402 ग्राम पंचायतें हैं, जहां विकास योजनाओं के लिए केंद्र की ओर से प्राप्त राशि बैंक में पड़ी है. 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र से आवंटित राशि का भी उपयोग नहीं हो रहा है.

कुणाल षाडंगी ने आरोप लगाया कि मनरेगा के काम में प्रखंड विकास पदाधिकारी को राशि भुगतान के लिए हस्ताक्षरकर्ता का पावर दिया गया है लेकिन 14-15वें वित्त आयोग सहित अन्य योजनाओं के लिए किसी पदाधिकारी के लिए कोई निर्देश नही मिला है। इस कारण 14वें वित्त आयोग की बची राशि भी से भी जो विकास योजनाएं ली जानी थीं वह भी नहीं हो पाया है। हर पंचायत में 15-20 लाख पड़े हुए हैं. केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग से पांच लाख-पांच लाख रुपये इस वित्तीय वर्ष में आवंटित किए हैं। सिर्फ़ उसी की 210 करोड़ रुपये की राशि भी वैसे ही पड़ी हुई है.

उन्होने कहा कि पंचायतों में कामकाज ठप होने की वजह से उपयोगिता प्रमाण पत्र भी केंद्र को नहीं भेजा जा रहा है. यही स्थिति बनी रही तो वहां से अगली किस्त राशि भी बिमुक्त नहीं होगी। पंचायतों की योजनाओं में सोलर लाइट खरीदना था और नलकूप,शौचालय के काम किए जाने थे। इससे जुड़ी सामग्रियों की खरीद सहित अन्य योजनाओं में भी सप्लायर को सामग्री मद का भुगतान नहीं हो पा रहा है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments