नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी संभव है जब वह सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद कर दे। यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा भारत के साथ कश्मीर, आतंकवाद, पानी और व्यापार समेत सभी मुद्दों पर शांति वार्ता की इच्छा जताने के बाद आया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “हम यह दोहराना चाहेंगे कि आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।“
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सिर्फ दो मुद्दों पर पाकिस्तान से बात करेगा —
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को भारत को सौंपने पर
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आतंकवाद पर कार्रवाई के बारे में
भारत ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की एक सूची सौंपी थी, जिनकी हस्तांतरित करने की मांग अभी भी कायम है।
जायसवाल ने कहा कि “जल और खून एक साथ नहीं बह सकते”, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले कह चुके हैं। इसलिए सिंधु जल संधि भी तब तक निलंबित रहेगी, जब तक पाकिस्तान सही मायनों में और स्थायी रूप से आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।
पृष्ठभूमि और हालिया घटनाएं:
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23 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई दंडात्मक उपाय लगाए, जिनमें सिंधु जल संधि का निलंबन भी शामिल था।
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भारत ने 7 मई को 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए।
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इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिनका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
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10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच भूमि, वायु और समुद्र पर सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी।