
झारखंड के गृह सचिव ने पुलिस और जैप के कॉन्सटेबलों की नियुक्ति में अदालत के आदेश का पालन नहीं किया । अब झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हे अवमानना का नोटिस भेजा है । अदालत ने नोटिस भेजकर गृह सचिव से पूछा है कि आपने कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया ?
क्या है पूरा मामला ?
पुलिस नियुक्ति नियमावली 2014 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया । अदालत ने 16 जनवरी 2017 को इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया था कि इस नियमावली के तहत नियुक्त होने वाले कांस्टेबलों के नियुक्ति पत्र में नियुक्ति हाईकोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होने की बात अंकित करने को कहा था । लेकिन नियुक्ति पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया गया है ।
2014 की नियमावली से 6800 पुलिस और जैप कॉन्सटेबलों की नियुक्ति
इस मामले में जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल का कहना है कि नई नियमावली के अनुसार ही वर्ष 2015 में सभी जिलों में सिपाही और जैप के जवानों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था । नियुक्ति की प्रक्रिया वर्ष 2018 में पूरी कर ली गई है । इस पर वादियों की ओर से कहा गया कि पूर्व में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इस मामले के अंतिम फैसले से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होने का आदेश दिया था । लेकिन नियुक्ति पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया गया है । इस नियमावली से राज्य में 6800 से अधिक पुलिस और जैप के कांस्टेबलों की नियुक्ति हो चुकी है ।